हमारे मस्तक पर गुलामी की लकीर खींचने वाले अंग्रेजों का पहला जहाजी बेड़ा कब आया था भारत? जानें इतिहास

24 August History: दुनिया के इतिहास में 24 अगस्त का दिन बहुत महत्वपूर्ण घटना के साथ दर्ज है। आज ही के दिन कैप्टन हॉकिन्स के नेतृत्व में अंग्रेजों का पहला जहाजी बेड़ा ‘हेक्टर’ भारत पहुंचा और इतिहास की इस एक घटना ने भारत के मस्तक पर अंग्रेजों की गुलामी की काली रेखा खींच दी ।

आज का इतिहास

मुख्य बातें
  • 1690 में कलकत्ता शहर की स्थापना हुई।
  • 1969 में वी.वी. गिरि भारत के चौथे राष्ट्रपति बने।
  • 1974 में फखरूद्दीन अली अहमद भारत के 5वें राष्ट्रपति बने।
24 August History: ईस्ट इंडिया कंपनी का भारत आना व्यापारिक उद्देश्यों से प्रेरित था, जो बाद में साम्राज्यवाद में बदल गया। दरअसल, 15वीं शताब्दी में यूरोप में कुछ ऐसी घटनाएं हुईं, जिनकी वजह से भारत और पूर्व के देशों के प्रति यूरोपीय देशों में आकर्षण बढ़ा। यूरोप की व्यापारिक एवं औद्योगिक क्रांति ने वहां के व्यापारियों को जब नया बाजार तलाशने के लिए विवश किया तो सबसे पहले उनकी नजर भारत पर पड़ी।
इसी क्रम में पहले पुर्तगालियों का और फिर डच व्यापारियों का भारत में आगमन हुआ और उन्होंने परस्पर व्यापार को बढ़ावा दिया। 1608 में 24 अगस्त के दिन कैप्टन हॉकिन्स के नेतृत्व में अंग्रेजों का पहला जहाजी बेड़ा ‘हेक्टर’ भारत पहुंचा। उस समय मुगल बादशाह जहांगीर का शासन था। कहने को तो यह एक सामान्य सी घटना थी और इससे पहले भी व्यापार के लिए जहाजी बेड़े यहां से वहां आते जाते थे, लेकिन इतिहास की इस एक घटना ने भारत के मस्तक पर अंग्रेजों की गुलामी की काली रेखा खींच दी ।
देश-दुनिया के इतिहास में 24 अगस्त की तारीख पर दर्ज अन्य प्रमुख घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:
1600 : ईस्ट इंडिया कम्पनी का पहला जहाज ‘हेक्टर’ सूरत के तट पर पहुंचा।
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