पृथ्वी पर किस ग्रह से आई 385 चट्टानें? विज्ञानियों को रेड प्लैनेट को लेकर क्या कुछ पता चला

Mars Planet: मंगल ग्रह से प्राप्त उल्कापिंडों से विज्ञानिकों को रेड प्लैनेट की आंतरिक संरचना को समझने में मदद मिली है। विज्ञानियों का मानना है कि ​मंगल ग्रह से आए उल्कापिंड रेड प्लैनेट के भीतर मौजूद लाल-गर्म लावा से बने होंगे। पृथ्वी पर महज 385 उल्कापिंड या चट्टान मंगल ग्रह से आए हैं।

मंगल ग्रह

मुख्य बातें
  • 74,000 से अधिक ज्ञात उल्कापिंड हैं।
  • रेड प्लैनेट से अबतक 385 उल्कापिंड आए हैं।
  • लाल गर्म लावा से बने हो सकते हैं यह उल्कापिंड।
Mars Planet: मंगल ग्रह से प्राप्त उल्कापिंडों से विज्ञानिकों को रेड प्लैनेट की आंतरिक संरचना को समझने में मदद मिली है। 74,000 से अधिक ज्ञात उल्कापिंडों में से केवल 385 या इतने ही चट्टान मंगल ग्रह से आए थे।

क्या है उल्कापिंड?

उल्कापिंड, वे चट्टानें हैं, जो क्षुद्रग्रहों या ग्रहों के आपस में टकराने से पृथ्वी पर गिरती हैं। विज्ञानिकों के लिए यह पता लगाना कठिन नहीं है कि ये उल्कापिंड मंगल ग्रह से आए हैं। विभिन्न लैंडर और रोवर दशकों से मंगल की सतह का अन्वेषण करने में जुटे हैं। कुछ प्रारंभिक मिशन जैसे 'वाइकिंग लैंडर्स' में मंगल ग्रह के वायुमंडल की संरचना के संबंध में पता लगाने के लिए उपकरण मौजूद थे।

क्या मंगल ग्रह पर है ऑक्सीजन?

विज्ञानिकों ने दावा किया है कि आप कुछ उल्कापिंडों में मंगल ग्रह के वायुमंडल की अनोखी संरचना का प्रतिबिंब देख सकते हैं। मंगल ग्रह पर ऑक्सीजन भी अनोखी है। धरती पर मौजूद हर चीज (इंसान और हम जिस हवा में सांस लेते हैं) वह ऑक्सीजन तत्व के तीन समस्थानिकों की एक खास संरचना से बनी है (ऑक्सीजन-16, ऑक्सीजन-17 और ऑक्सीजन-18), लेकिन मंगल ग्रह की संरचना पूरी तरह से अलग है, क्योंकि यह मंगल ग्रहीय होने के चलते एक भू-रासायनिक फिंगरप्रिंट की तरह है।
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