जब एमएफ हुसैन के निधन से आधुनिक चित्रकला का कैनवास हुआ बेरंग, जानें महत्वपूर्ण घटनाक्रम

9 June History: आधुनिक चित्रकला के पर्याय एम.एफ. हुसैन ने आज ही के दिन दुनिया को अलविदा कहा था। एम एफ हुसैन को पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर पहचान 1940 के दशक के आखिर में मिली। युवा चित्रकार के रूप में एम एफ हुसैन बंगाल स्कूल ऑफ आर्ट्स की राष्ट्रवादी परंपरा को तोड़कर कुछ नया करना चाहते थे। वर्ष 1952 में उनकी चित्रकारी की प्रदर्शनी ज़्यूरिख में लगी।

आज का इतिहास

9 June History: देश की चित्रकला के इतिहास में नौ जून का दिन एक जाने माने चित्रकार के निधन के दिन के तौर पर दर्ज है। दरअसल, भारत में आधुनिक चित्रकला के पर्याय एम.एफ. हुसैन ने आज ही के दिन दुनिया को अलविदा कहा था।

एम एफ हुसैन को पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर पहचान 1940 के दशक के आखिर में मिली। युवा चित्रकार के रूप में एम एफ हुसैन बंगाल स्कूल ऑफ आर्ट्स की राष्ट्रवादी परंपरा को तोड़कर कुछ नया करना चाहते थे। वर्ष 1952 में उनकी चित्रकारी की प्रदर्शनी ज़्यूरिख में लगी। उसके बाद तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी चित्रकारी की जोर-शोर से चर्चा शुरू हो गई।

उन्हें 1973 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया, तो 1986 में उन्हें राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया। भारत सरकार ने 1991 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया।

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