कुइपर बेल्ट या कुछ और? सुबारू टेलीस्कोप ने जमे हुए पिडों का देखा समूह; उम्मीद से बड़ा निकला सौरमंडल

Solar System: हमारा सौरमंडल खगोलविदों की कल्पनाओं से भी कहीं ज्यादा बड़ा है। हाल ही में सुबारू टेलीस्कोप ने सुदूर कुइपर बेल्ट से परे जमे हुए पिंडों का एक नया समूह देखा जिसके बाद इस पर चर्चा छिड़ गई। साथ ही न्यू होराइजन्स मिशन के मुख्य अन्वेषक एलन स्टर्न ने इस खोज को अभूतपूर्व करार दिया।

Kuiper Belt

कुइपर बेल्ट

मुख्य बातें
  • सौरमंडल में अभी काफी कुछ खोजा जाना बाकी।
  • नई बेल्ट में मौजूद ऑब्जेक्ट्स को ट्रैक करते रहेंगे खगोलविद।
  • क्या कुइपर बेल्ट-2 के आगे भी हैं आसमानी वस्तुएं?
Solar System: हमारे सौरमंडल का आखिरी छोर कहां हैं? इसको लेकर खगोलविदों का अध्ययन चल रहा है। इस बीच, सुबारू टेलीस्कोप (Subaru Telescope) ने सुदूर कुइपर बेल्ट से परे सूर्य की परिक्रमा कर रहे जमे हुए पिंडों का एक नया समूह देखा है। ऐसे में अगर इसकी पुष्टि होती है तो खगोलविदों के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि होगी।

स्पेसक्राफ्ट के लिए लक्ष्य निर्धारित करता है सुबारू

स्पेस डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, सुबारू टेलीस्कोप अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के न्यू होराइजन्स मिशन के साथ मिलकर स्पेसक्राफ्ट के लिए नए लक्ष्य खोजने का काम करता है।
सुबारू हवाई द्वीप में मौनाकिया शिखर पर स्थित 26 फीट का एक टेलीस्कोप है, जो न्यू होराइजन्स के साथ काम कर रहा है, जिसे प्लूटो की ओर साल 2006 में लॉन्च किया गया था। तब से न्यू होराइजन्स कुइपर बेल्ट के माध्यम से एक रास्ता बनाने की कोशिश कर रहा है, जो 33 और 55 एयू के बीच की दूरी पर नेपच्यून की कक्षा से परे बर्फीले धूमकेतु निकायों का एक वलय के आकार का क्षेत्र है। आपको बता दें कि एक एयू (खगोलीय इकाई) सूर्य से पृथ्वी की औसत दूरी के बराबर होता है और सूर्य से पृथ्वी की दूरी लगभग 149.6 मिलियन किमी है।
चिबा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के व्यावसायिक एवं पर्यावरण स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय और ग्रह अन्वेषण अनुसंधान केंद्र के फूमी योशिदा ने एक बयान में कहा कि यदि सूर्य की परिक्रमा कर रहे जमे हुए पिंडों के नए समूह की पुष्टि हो जाती है तो यह एक बड़ी खोज होगी।

कुइपर बेल्ट ऑब्जेक्ट्स

बकौल रिपोर्ट, सुबारू टेलीस्कोप ने जब न्यू होराइजन्स स्पेसक्राफ्ट के लिए साल 2004 में संभावित लक्ष्य के रूप में कुइपर बेल्ट ऑब्जेक्ट्स की खोज शुरू की ताकि प्लूटो का दीदार करने के बाद अपने कैमरों की मदद से संभावित लक्ष्य को देख सकें, लेकिन टेलीस्कोप को थोड़ा मुश्किलों का सामना करना पड़ा। ऐसे में सुबारू टेलीस्कोप ने महज 24 कुइपर बेल्ट ऑब्जेक्ट्स की पहचान की थी और उस वक्त सुदूर क्षेत्र में देखना आसान नहीं था, लेकिन सुबारू टेलीस्कोप ने 2020 से अपने हाइपर सुप्राइम कैम (HSC) के साथ 239 कुइपर बेल्ट ऑब्जेक्ट्स की खोज की है। इनमें से अधिकतर नियमित कुइपर बेल्ट ऑब्जेक्ट्स हैं। बकौल फूमी योशिदा, HSC का सबसे रोमांचक हिस्सा ज्ञात कुइपर बेल्ट से परे दूर स्थित 11 ऑब्जेक्ट्स की खोज थी।"

क्या कुइपर बेल्ट का हो रहा विस्तार?

ऑब्जेक्ट्स का नया समूह महज कुछपर बेल्ट का विस्तार नहीं है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि 55 एयू और 70 एयू के बीच कोई गैप है, जहां अबतक कोई ऑब्जेक्ट्स नहीं मिला है और फिर 70 एयू और 90 एयू के बीच एक दूसरी बेल्ट है जिसे कुइपर बेल्ट 2 के नाम से जाना जाता है।
बकौल रिपोर्ट, खगोलविद इस नई बेल्ट में 11 ऑब्जेक्ट्स को सुबारू टेलीस्कोप की मदद से ट्रैक करते रहेंगे ताकि उनके बारे में ज्यादा जानकारी हासिल की जा सके। हालांकि, इससे इस बात के संकेत भी मिले है कि बाहरी सौरमंडल की गहराइयों में अभी भी बहुत कुछ खोजा जाना बाकी है।
न्यू होराइजन्स मिशन के मुख्य अन्वेषक एलन स्टर्न ने इस खोज को अभूतपूर्व करार दिया। उन्होंने कहा कि यह खोज संभवत: सुबारू टेलीस्कोप की क्षणताओं के बिना संभव नहीं होती।
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अनुराग गुप्ता author

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