VIDEO: एएसआई ने द्वारका के तट पर अंडरवॉटर खोजबीन की शुरू; पांच सदस्यीय टीम में महिला पुरातत्वविद भी शामिल

Dwarka Underwater Exploration: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की पांच सदस्यीय टीम ने द्वारका के तट पर अभूतपूर्व अंतर्जलीय खोजबीन शुरू की।अंडरवॉटर खोजबीन, एएसआई के नवीनीकृत अन्तर्जलीय पुरातत्व स्‍कंध (UAW) के अंतर्गत किया जा रहा है। यूएडब्ल्यू 1980 के दशक से अंडरवॉटर खोजबीन शोध में सबसे आगे रहा है।

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एएसआई ने द्वारका के तट पर शुरू की अंडरवॉटर खोजबीन

Dwarka Underwater Exploration: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की पांच सदस्यीय टीम ने द्वारका के तट पर अभूतपूर्व अंतर्जलीय खोजबीन शुरू की। इस टीम का नेतृत्व अपर महानिदेशक (पुरातत्व) प्रो. आलोक त्रिपाठी कर रहे हैं और अन्य सदस्यों में एच.के. नायक, निदेशक (उत्खनन और अन्वेषण), डॉ. अपराजिता शर्मा, सहायक अधीक्षण पुरातत्वविद्, पूनम विंद और राजकुमारी बारबीना भी शामिल हैं।

ASI की टीम में महिला सदस्य भी शामिल

पुरातत्वविदों की टीम ने शुरुआती खोजबीन के लिए गोमती क्रीक के पास एक क्षेत्र का चयन किया है। यह पहली बार है जब एएसआई की किसी टीम में बड़ी संख्या में महिला सदस्यों को शामिल कर समुद्र के भीतर खोजबीन की जा रही है।

महत्वपूर्ण है कि द्वारका में पुरातत्वविदों की टीम द्वारा पानी के भीतर खोजबीन कर भारत की संस्कृति को पुनर्जीवित किया जाएगा और इस खोजबीन में जो भी मूर्तियां और पत्थरों को बरामद किया जाएगा उनका बारीकी से परीक्षण होगा। द्वारका में अंडरवॉटर पुरातत्व सर्वेक्षण शोध कर रही है। यह पुरातत्व की दृष्टि से एक विशिष्ट स्थान है।

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क्या है एएसआई का UAW विंग?

अंडरवॉटर खोजबीन, एएसआई के नवीनीकृत अन्तर्जलीय पुरातत्व स्‍कंध (UAW) के अंतर्गत किया जा रहा है। यूएडब्ल्यू 1980 के दशक से अंडरवॉटर खोजबीन शोध में सबसे आगे रहा है। 2001 से यह स्कंध बंगाराम द्वीप (लक्षद्वीप), महाबलीपुरम (तमिलनाडु), द्वारका (गुजरात), लोकतक झील (मणिपुर) और एलीफेंटा द्वीप (महाराष्ट्र) जैसी जगहों पर खोजबीन कर रहा है। यूएडब्ल्यू के पुरातत्वविदों ने अन्तर्जलीय सांस्कृतिक विरासत के अध्ययन और संरक्षण के लिए भारतीय नौसेना और अन्य सरकारी संगठनों के साथ भी सहयोग किया है।

इससे पहले अन्तर्जलीय पुरातत्व स्कंध ने 2005 से 2007 तक द्वारका में अपतटीय और तटीय खुदाई की थी। कम ज्वार के दौरान तटीय क्षेत्रों की छानबीन की गई थी, जहां मूर्तियां और पत्थर के लंगर पाए गए थे। उन खोजों के आधार पर अंडरवॉटर खुदाई की गई। मौजूदा अंडरवॉटर खोजबीन भारत की समृद्ध अन्तर्जलीय सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के एएसआई के मिशन के तहत एक महत्वपूर्ण कदम है।

महिला पुरातत्वविद ने भी की डाइविंग

द्वारका में क्रमबद्ध तरीके से शोध किया जाएगा। अभी शोध के लिए कुछ क्षेत्रों का चयन किया गया है और पहली बार एएसआई की महिला पुरातत्वविद ने डाइविंग की और इसे देखकर युवाओं को इस क्षेत्र में आने की प्रेरणा मिलेगी।

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अनुराग गुप्ता author

टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। खबरों की पड़ताल करना इनकी आदतों में शुमार हैं और यह टाइम्स नाउ नवभारत की वेबसाइट क...और देखें

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