असना, रेमल और चक्रवातों के अनेकों नाम; आखिर कैसे होता है इनका नामकरण?

Cyclone Naming Process: बिपरजॉय, रेमल और अब असना चक्रवात... आए दिन ऐसे चक्रवात हमें डराने के लिए आ जाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि चक्रवातों का आखिर नाम कैसे पड़ता है। कई बार तो चक्रवातों का नाम सुनकर हंसी आ जाती है। खैर, चक्रवात 'असना' का नामकरण पाकिस्तान ने किया है।

Cyclone_Name

चक्रवात असना

मुख्य बातें
  • 1953 में शुरू हुई थी चक्रवात के नामकरण की प्रक्रिया।
  • 2000 के बाद भारत और पड़ोसी देशों ने अपनाया।
  • चक्रवात 'असना' का नाम पाकिस्तान ने सुझाया।
Cyclone Naming Process: गुजरात में भारी बारिश और बाढ़ की वजह से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। इस बीच, चक्रवात 'असना' आने का खतरा बना हुआ है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक, गुजरात के सौराष्ट्र-कच्छ इलाके में एक चक्रवात बन रहा है। जिसकी वजह से भारी बारिश और तेज हवाओं के चलने का अनुमान है। हालांकि, शुक्रवार की सुबह अचानक ही चक्रवात की दिशा में थोड़ी बहुत तब्दीली देखी गई। जिसकी वजह से राहत की सांस ली जा सकती है। पिछले साल ही सौराष्ट्र चक्रवात बिपरजॉय का सामना किया था, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इन विनाशकारी तूफानों का नाम आखिर कौन रखता है?

चक्रवात के अजीबोगरीब नाम

कभी बिपरजॉय, कभी रेमल और अब 'असना' चक्रवातों के ऐसे अनेकों नाम हैं और हर साल दो-चार चक्रवातों के अलग-अलग नाम सुनाई देते हैं जिनकी वजह से लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो जाता है। साथ ही भीषण तबाही भी मचती है। आप लोगों को तो चक्रवात के कुछ ही नाम बताए, लेकिन कुछ नाम ऐसे हैं कि जिन्हें सुनने और पढ़ने के बाद जमकर हंसी मजाक होने लगता है। जिनमें कटरीना, लैरी, बुलबुल, लीजा, अंफान जैसे नाम शामिल हैं।

कैसे होता है चक्रवात का नामकरण?

साल 1953 में अटलांटिक क्षेत्र में चक्रवातों के नामकरण का सिलसिला शुरू हुआ था। हालांकि, हिंद महासागर में साल 2000 के बाद इसकी शुरुआत हुई।

नामकरण की कब हुई थी शुरुआत?

चक्रवात के नामकरण को लेकर संयुक्‍त राष्‍ट्र की वर्ल्‍ड मेट्रोलाजिकल आर्गेंनाइजेशन कुछ नियम कायदे तय कर रखे हैं। ऐसे में साल 2004 में भारत और उसके पड़ोसी देशों ने मिलकर चक्रवातों का नाम रखना शुरू किया। इन देशों में भारत के अलावा पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, म्यांमार, मालदीव, ओमान और थाईलैंड शामिल हैं। हालांकि, 2019 में ईरान, कतर, सऊदी अरब, यूएई और यमन को भी शामिल किया गया। इन देशों ने मिलकर चक्रवातों के नाम को लेकर एक लिस्ट तैयार की है।

क्रमबद्ध तरीके से चक्रवात का रखा जाता है नाम

आगामी चक्रवात को लेकर 13 देशों ने नाम तय कर रहा है और क्रमबद्ध तरीकों से चक्रवात का नामकरण होता है। साल 2017 में आए चक्रवात ओखी का नाम बांग्लादेश ने तय किया था और 2023 में बिपारजाय का नाम भी बांग्लादेश ने ही रखा था। आपको बता दें कि अगले 25 सालों तक आने वाले तूफानों के लिए पहले ही इन तमाम देशों ने नाम तय कर रहे हैं।

भारत ने कौन से नाम किए हैं तय

भारत की ओर से भविष्य में आने वाले चक्रवातों के नाम गति, तेज, मुरासु, आग, नीर, प्रभंजन घुरनी, अंबुल जलाधि और वेग तय हैं। हालांकि, चक्रवात का नाम क्या रखा जाएगा? यह चक्रवात की रफ्तार पर निर्भर करता है।

किसने रखा चक्रवात का नाम 'असना'?

चक्रवात असना का नामकरण पाकिस्तान ने किया है। साल 1976 के बाद असना चक्रवात अगस्त माह में अपनी तरह का उठने वाला पहला चक्रवात है। मौसम विभाग के मुताबिक, असना चक्रवात के उत्तर-पूर्व अरब सागर के ऊपर से निकलकर पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम की ओर ओमान के तट की ओर बढ़ने का अनुमान है।
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अनुराग गुप्ता author

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