खगोलविदों ने खोज निकाला 'बेबी प्लैनेट', जिसकी उम्र जान पृथ्वी भी शरमा जाएगी
Young Planet: खगोलविदों ने अबतक के सबसे युवा ग्रहों में से एक की खोज की जिसे ट्रांजिट मेथड यानी पारगमन विधि से खोजा गया। हालांकि, इस खोज का श्रेय यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना चैपल हिल में ग्रेजुएट स्टूडेंट मैडिसन बार्बर को जाता है जिन्होंने अमरेकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के TESS टेलीस्कोप की मदद से यह कारनामा किया।
बेबी प्लैनेट/नवजात ग्रह फोटो साभार: NASA/JPL-Caltech/R. Hurt, K. Miller (Caltech/IPAC).
- पृथ्वी से उम्र में 1500 गुना छोटा है 'बेबी प्लैनेट'।
- TESS टेलीस्कोप की मदद से हुई खोज।
- ट्रांजिट मेथड से खोजा गया दुर्लभ खोज।
Young Planet: खगोलविदों ने अबतक के सबसे युवा ग्रहों में से एक की खोज की है जिसकी उम्र इतनी ज्यादा कम है कि हमारी पृथ्वी भी शरमा जाए। हमारी पृथ्वी की उम्र 4.5 बिलियन साल आंकी जाती है, जो इस बेबी ग्रह की तुलना में 1500 गुना ज्यादा पुरानी है। इससे आप समझ सकते हैं कि जिस नए ग्रह को खोजा गया है, वह अपने बाल्यावस्था में है। इसी वजह से इस ग्रह को बेबी प्लैनेट कहा जा रहा है।
क्या है 'बेबी प्लैनेट' का असल नाम?
खोजे गए सबसे युवा ग्रह का नाम TIDYE-1b है जिसे IRAS 04125+2902 b भी कहा जाता है, जिसकी उम्र महज 30 लाख साल है। TIDYE-1b पृथ्वी जितना घना नहीं है, लेकिन व्यास में लगभग 11 गुना बड़ा है। इस खोज से खगोलविदों को ग्रह निर्माण के शुरुआती चरणों के बारे में अहम जानकारी मिल सकती है।
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बेबी प्लैनेट/नवजात ग्रह {फोटो साभार: NASA/JPL-Caltech/R. Hurt, K. Miller (Caltech/IPAC).}
साइंस अलर्ट के मुताबिक, TIDYE-1b की खोज यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना चैपल हिल में ग्रेजुएट स्टूडेंट मैडिसन बार्बर ने की है। उन्होंने बताया कि इस तरह के ग्रहों की खोज हमें समय में पीछे देखने और ग्रहों के निर्माण के बारे में समझने का अवसर मुहैया कराती है।
ट्रांजिट मेथड से हुई दुर्लभ खोज
मैडिसन बार्बर ने ट्रांजिट मेथड (Transit Method) से TIDYE-1b की खोज की। इस दौरान ग्रह अपने तारे के सामने से गुजरता है जिसकी वजह से प्रकाश मंद हो जाता है और खुद-ब-खुद ऑब्जर्वर के सामने ग्रह प्रकट हो जाता है। सबसे युवा ग्रह को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के TESS टेलीस्कोप की मदद से खोजा गया।
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इससे पहले 10-40 लाख वर्ष पुराने एक दर्जन से ज्यादा युवा ग्रहों की खोज ट्रांजिट मेथड यानी पारगमन विधि के माध्यम से की जा चुकी है, लेकिन TIDYE-1b इन तमाम ग्रहों से छोटा है। यह एक दुर्लभ खोज है, क्योंकि सामान्य परिस्थितियों में ऐसे युवा ग्रह गैस और धूल से ढके रहते हैं, जो 'प्रोटोप्लेनेटरी डिस्क' बनाते हैं। प्रोटोप्लेनेटरी डिस्क एक मलबे का क्षेत्र होता है, जो एक तारे की परिक्रमा एक रिंग की तरह करता है, जिससे नए ग्रहों का निर्माण होता है।
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