ये है ब्रम्हांड का सबसे बड़ा तारा, इसकी मोटाई देख सूर्य भी शरमा जाएगा! अरबों धरती को खुद में समाने की क्षमता

जहां पर आपका विज्ञान भी पूरा न समाए और कल्पनाओं से परे एक ज़हान नजर आए वह अंतरिक्ष है और इस अंतरिक्ष में काफी कुछ मौजूद है। हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा तारा सूर्य है, लेकिन सौरमंडल के बाहर अगर हम नजर घुमाएं तो एक तारा ऐसा भी है जिसके सामने सूर्य का कोई अस्तित्व ही नजर नहीं आता है।

ब्रम्हांड का सबसे बड़ा तारा स्टीफेन्सन 2-18

Stephenson 2-18: अंतरिक्ष जहां सारी कल्पनाएं धरी की धरी रह जाती हैं, जो विज्ञानियों की सोच से भी परे हैं। हाल ही में सूर्य में हुए विस्फोट ने सभी का ध्यान अपनी ओर केंद्रित किया था और सोलर फ्लेयर कौतुहल का विषय बन गया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के आदित्य एल-1 ने भी सोलर फ्लेयर की घटना को कैप्चर किया है, लेकिन क्या आपको पता है कि सूर्य सबसे बड़ा तारा नहीं है। हालांकि, यह जरूर सही बात है कि हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा तारा सूर्य ही है, पर अंतरिक्ष में मौजूद तारों के सामने सूर्य बेहद छोटा तारा है। इतना छोटा कि दिखाई भी न दें।

सूर्य से भी बड़ा कौन?

अंतरिक्ष में सूर्य से विशाल कई तारें हैं, लेकिन आज हम सबसे बड़े तारे की बात करेंगे जिसमें 10 अरब सूर्य समा सकते हैं। अब आप कल्पना कीजिए कि यह तारा कितना ज्यादा विशाल होगा। दरअसल, हम बात कर रहे हैं स्टीफेन्सन 2-18 (Stephenson 2-18) की।

हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा तारा

तस्वीर साभार : iStock

सबसे बड़े तारे स्टीफेन्सन 2-18 का व्यास लगभग 3 अरब किमी है। ब्रम्हांड में अब तक इससे बड़ा तारा नहीं मिला है और इसके सामने सूर्य का अस्तित्व न के बराबर है। इस तारे के सामने तो पृथ्वी कुछ भी नहीं है। सूर्य इतना ज्यादा विशाल है कि उसमें लगभग 13 लाख धरती समा सकती है। जब इतना विशाल सूर्य स्टीफेन्सन 2-18 के सामने कुछ नहीं है तो धरती को लेकर हम क्या कहें।

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