मानव शरीर में बढ़ रही प्लास्टिक के सूक्ष्म कणों की संख्या! दिमाग को हिला देगी नई स्टडी

Microplastics: मानव शरीर में प्लास्टिक के सूक्ष्म कणों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और नई स्टडी में कई ऐसे चौंका देने वाले खुलासे किए गए हैं जिसे जानने के बाद आप अपना सिर पकड़ लेंगे। स्टडी के मुताबिक, सांस के जरिये मस्तिष्क में प्लास्टिक के सूक्ष्म कण प्रवेश कर सकते हैं।

प्लास्टिक के सूक्ष्म कण

मुख्य बातें
  • नदियों और समुद्र में पहुंच रहे प्लास्टिक के सूक्ष्म कण।
  • पर्यावरण में लगातार फैल रहे सूक्ष्म एवं 'नैनो' कण।
  • मानव मस्तिष्क में प्लास्टिक के सूक्ष्म कण पाए गए।

Microplastics: मिट्टी, पानी, हवा हर जगह पर प्लास्टिक के सूक्ष्म कण मौजूद हैं। ये कण हमारे द्वारा फेंके गए प्लास्टिक से 'लैंडफिल साइट', नदियों और समुद्रों में पहुंचे हैं। वहां प्लास्टिक कचरा धीरे-धीरे विघटित होता है और इसके सूक्ष्म एवं 'नैनो' कण पर्यावरण में फैलते हैं।

शरीर में कैसे दाखिल हो रहे प्लास्टिक के सूक्ष्म कण?

मानव शरीर में भी प्लास्टिक के सूक्ष्म कणों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। हमें नहीं पता कि वे वहां कैसे पहुंचे। हालांकि, इसके तीन संभावित रास्ते हैं। हम खाने-पीने के दौरान प्लास्टिक के सूक्ष्म कणों को अपने अंदर ले सकते हैं, या ये सांस के जरिए हमारे फेफड़ों में जा सकते हैं या अपनी त्वचा के जरिए उसे सोख सकते हैं। हाल में एक अन्य मार्ग का सुझाव दिया गया है जिसके तहत प्लास्टिक के सूक्ष्म कण हमारी नाक में प्रवेश करते हैं और वहां से हमारे मस्तिष्क में प्रवेश करते हैं।

लंबे समय तक यह माना जाता रहा कि मानव मस्तिष्क शरीर के बाकी हिस्सों से अलग-थलग रहता है। कोशिकाओं की एक विशेष परत, मस्तिष्क को सभी प्रकार के रोगाणुओं और हानिकारक पदार्थों से बचाती है। हालांकि, अब हम जानते हैं कि रक्त-मस्तिष्क अवरोध को तोड़ा जा सकता है, क्योंकि मानव मस्तिष्क में प्लास्टिक के सूक्ष्म कण पाए गए हैं।

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