जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल की शक्तियों में संशोधन; जानिए कितना पॉवरफुल हुआ पद
Jammu Kashmir: केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल को और अधिक शक्तियां प्रदान की हैं। अब ऐसे में उपराज्यपाल के पास पुलिस और अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों से निर्णय लेने की भी शक्तियां हैं। बता दें कि सरकार ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 55 के तहत संशोधन किया है।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (फोटो साभार: @OfficeOfLGJandK)
- सरकार ने संशोधन कर बढ़ाई J&K उपराज्यपाल की शक्तियां।
- अब तबादले और पोस्टिंग से जुड़े फैसले ले सकेंगे उपराज्यपाल।
- सरकार के इस कदम की आलोचना कर रहा विपक्ष।
दिल्ली में भी है ऐसी व्यवस्था!
क्या शक्तियां प्रदान की गईं
अधिसूचना में क्या कुछ कहा गया?
- अभियोजन मंजूरी प्रदान करने या अपील दायर करने के संबंध में कोई भी प्रस्ताव विधि, न्याय और संसदीय कार्य विभाग द्वारा मुख्य सचिव के माध्यम से उपराज्यपाल के समक्ष रखा जाएगा।
- कारागार, अभियोजन निदेशालय और फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला से संबंधित मामले मुख्य सचिव के माध्यम से गृह विभाग के प्रशासनिक सचिव द्वारा उपराज्यपाल को प्रस्तुत किए जाएंगे।
- प्रशासनिक सचिवों का पदस्थापन और स्थानांतरण तथा अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों के पदों से संबंधित मामलों के संबंध में प्रस्ताव मुख्य सचिव के माध्यम से सामान्य प्रशासन विभाग के प्रशासनिक सचिव द्वारा उपराज्यपाल को प्रस्तुत किए जाएंगे।
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