जूपिटर पर कैसे पड़ा गहरा निशान? NASA ने 30 साल पुराने राज से उठाया पर्दा; जानें

Jupiter: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के हबल स्पेस टेलीस्कोप की मदद से विज्ञानियों को सौरमंडल में मौजूद ग्रहों और बाह्यग्रहों में झांकने का मौका मिला। जिसकी बदौलत कई तरह के रहस्यों से पर्दा उठ सका और अभी भी विज्ञानियों अन्य अध्ययनों पर काम कर रहे हैं। टेलीस्कोप से प्राप्त डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है।

बृहस्पति (फोटो साभार: NASAHubble)

मुख्य बातें
  • हबल स्पेस टेलीस्कोप की 30 साल पुरानी तस्वीर।
  • जूपिटर पर दिखाई दे रहे गहरे निशान।
  • जूटिपर से टकराए थे धूमकेतु के टुकड़े।
Jupiter: अंतरिक्ष में मौजूद अनगिनत ग्रहों में होने वाली घटनाओं के बारे में पता लगाना असंभव सा है। विज्ञानियों को अबतक ब्रह्मांड के बारे में ज्यादा ज्ञान नहीं है, लेकिन हमारे सौरमंडल में मौजूद ग्रहों को लेकर विज्ञानियों के अध्ययन लगातार जारी हैं और कई रोचक जानकारियां सामने आ रही हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने इस राज से पर्दा उठाया है कि सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह जूपिटर यानी बृहस्पति पर निशान कैसे पड़ा।
नासा ने हबल स्पेस टेलीस्कोप द्वारा जूपिटर की 30 साल पहले ली गई तस्वीर को साझा किया। बता दें कि जूपिटर से जुलाई 1994 में एक धूमकेतु के टुकड़े टकराए थे। इस धूमकेतु का विज्ञानी नाम शूमेकर-लेवी 9 है जिसकी वजह से जूपिटर पर गहरा निशान पड़ गया।
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अनुराग गुप्ता author

टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। खबरों की पड़ताल करना इनकी आदतों ...और देखें

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