Modi 3.0: सरकार गठन से पहले मंत्रिपरिषद और मंत्रिमंडल के बीच जान लें अंतर, आपको नहीं पता होगी यह बात
Cabinet Vs Council of Ministers: कई बार लोगों में मंत्रिपरिषद और मंत्रिमंडल के मामले में भ्रम की स्थिति बनी रहती है। लोगों को लगता है कि मंत्रिपरिषद और मंत्रिमंडल एक ही बात है। मंत्रिपरिषद और मंत्रिमंडल ये दोनों ही शब्द एक-दूसरे से काफी अलग हैं, लेकिन अक्सर यह देखा गया है कि दोनों का प्रयोग एक-दूसरे के लिए किया जाता है। दोनों ही अपनी संरचना, कार्यों और भूमिकाओं की वजह से एक-दूसरे से काफी अलग हैं।
मंत्रिमंडल बनाम मंत्रिपरिषद
Cabinet Vs Council of Ministers: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ताजपोशी की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है और इसी के साथ ही मंत्रिपरिषद गठन की कवायद तेज हो गई। राजनीतिक गलियारों में विभिन्न नामों और उनको मिलने वाले संभावित पोर्टफोलियों को लेकर कयास लगाए हैं। हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी ने 'राजग' सांसदों से मंत्रालयों के आवंटन के बारे में चल रही अफवाहों में नहीं फंसने का अनुरोध किया है। खैर यह तो अलग बात हो गई, लेकिन सबसे ज्यादा कन्फ्यूजन मंत्रिपरिषद और मंत्रिमंडल के मामले में देखा गया है। कई बार लोगों को लगता है कि मंत्रिपरिषद और मंत्रिमंडल एक ही बात है, लेकिन ऐसा नहीं है तो चलिए विस्तार से इसके बारे में समझते हैं।
मंत्रिपरिषद में कौन होता है शामिल (Council of Ministers)
मंत्रिपरिषद में केंद्रीय मंत्री, राज्य मंत्री व उपमंत्री होते हैं। प्रधानमंत्री इन तमाम मंत्रियों के प्रमुख होते हैं। केंद्रीय मंत्रियों के पास केंद्र सरकार के प्रमुख मंत्रालय जैसे- गृह, रक्षा, विदेश, वित्त व अन्य होते हैं, जबकि राज्य मंत्रियों को मंत्रालय या विभागों का स्वतंत्र प्रभार दिया जा सकता है या उन्हें केंद्रीय मंत्रियों का सहयोगी बनाया जा सकता है।
स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्रिमंडल (Cabinet) के सदस्य नहीं होते हैं और न ही उनकी बैठकों में हिस्सा ले सकते हैं। हालांकि, मंत्रालय द्वारा उनके कार्य को लेकर विशेष स्थिति में बैठकों में बुलाया जा सकता है। ऐसी स्थिति में वह बैठक में सम्मिलित हो सकते हैं।
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बात अगर उपमंत्रियों की हो तो उन्हें मंत्रालयों का स्वतंत्र प्रभार नहीं दिया जा सकता है। उन्हें केंद्रीय या राज्य मंत्रियों को उनके प्रशासनिक, राजनीतिक और संसदीय कार्यों में मदद मुहैया कराने के लिए नियुक्त किया जाता है। उपमंत्री कैबिनेट का हिस्सा नहीं होते हैं और न ही कैबिनेट की बैठक में भाग लेते हैं।
मंत्रिपरिषद और मंत्रिमंडल में अंतर
- मंत्रिपरिषद में 60 से 70 मंत्री हो सकते हैं, जबकि मंत्रिमंडल एक छोटा निकाय है जिसमें 15 से 20 मंत्री होते हैं।
- मंत्रिपरिषद में केंद्रीय मंत्री, राज्य मंत्री व उप मंत्री होते हैं, जबकि मंत्रिमंडल में सिर्फ केंद्रीय मंत्री शामिल होते हैं।
- मंत्रिपरिषद सरकारी कामकाज हेतु एक साथ बैठक नहीं करती है, जबकि मंत्रिमंडल की बैठक सामान्यत: हफ्ते में एक बार हो सकती है और यह सरकार कामकाज के संबंध में निर्णय लेती है।
- मंत्रिपरिषद के कामकाज मंत्रिमंडल तय करता है। मंत्रिमंडल द्वारा तय किए गए दिशानिर्देश सभी मंत्रियों पर बाध्यकारी होते हैं।
- मंत्रिपरिषद का काम मंत्रिमंडल के निर्णयों को लागू करना है, जबकि मंत्रिमंडल देखरेख करती है कि उसके निर्णयों का अनुपालन हो रहा है या नहीं।
मंत्रिपरिषद और मंत्रिमंडल ये दोनों ही शब्द एक-दूसरे से काफी अलग हैं, लेकिन अक्सर यह देखा गया है कि दोनों का प्रयोग एक-दूसरे के लिए किया जाता है। दोनों ही अपनी संरचना, कार्यों और भूमिकाओं की वजह से एक-दूसरे से काफी अलग हैं। आसान भाषा में कहें तो मंत्रिपरिषद ब्रह्मांड की तरह है, जबकि मंत्रिमंडल हमारा सोलर सिस्टम है और प्रधानमंत्री बिल्कुल पृथ्वी की तरह।
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