Hotel और Motel में क्या है अंतर? सुविधाओं से लेकर पैसों के बारे में जानें सबकुछ
अक्सर आप लोग घूमने फिरने या फिर बिजनेस के काम से आउट ऑफ स्टेशन जाते हैं और रुकने के लिए कमरें बुक करते हैं, लेकिन कई बार आप लोग यह समझ नहीं पाते हैं कि यह कमरे इतने ज्यादा सस्ते या फिर महंगे क्यों हैं या कि इन कमरों का साइज छोटा-बड़ा क्यों है।
होटल और मोटल में क्या है अंतर
Hotel Vs Motel: आप लोग अक्सर कहीं-न-कहीं घूमने जरूर जाते होंगे या फिर अपने ऑफिस के काम से कभी कभार आउट ऑफ स्टेशन (Out of Station) जाना पड़ता होगा। ऐसी स्थिति में रुकने के लिए कुछ-न-कुछ व्यवस्था जरूर करते होंगे। या तो पहले से ठहरने की व्यवस्था करके निकलते होंगे या फिर अंतिम समय पर रुकने की जगह निर्धारित करते होंगे। ऐसे में आप लोग होटल या मोटल में जरूर ठहरे होंगे, लेकिन क्या आप लोगों को इनके बीच का फर्क पता है।
कई बार देखा गया है कि रुकने की उत्तम व्यवस्था देखकर ही पर्यटक या कहें यात्री खुश हो जाते हैं और हो भी क्यों न, क्योंकि कई दफा यात्रा थकाऊ होती है। ऐसी स्थिति में बस रुकने का इंतजाम हो जाए यही काफी है, जबकि कुछ लोगों को होटल और मोटल में फर्क ही नहीं समझ में आता है। उन्हें लगता है कि होटल (Hotel) याद रहे या फिर उसे और भी ज्यादा अट्रैक्टिव बनाने के लिए लोग मोटल (Motel) लिख देते हैं। अगर आप भी यह सोचते हैं तो यह गलत है। चलिए हम आपको दोनों के बीच का फर्क समझाते हैं।
यह भी पढ़ें: होटल, रेस्टोरेंट और टूरिज्म सेक्टर में जनरेट होंगी नौकरियां, 2 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार
होटल के बारे में जानें
होटल में रहने की उत्तम व्यवस्था होती है, यहां पर आपको आरामदायक कमरें उपलब्ध कराए जाते हैं। साथ ही होटल में आपको नास्ता, लंच और डिनर इत्यादि की सुविधा भी मिलती है। इसके अलावा होटल में स्वीमिंग पूल से लेकर फिटनेस सेंटर तक की सुविधाएं उपलब्ध होती हैं। अगर हम पैसों की बात करें तो होटल सस्ते से लेकर महंगे तक हो सकते हैं। यह आप पर निर्भर करता है कि आप कैसे होटल लेना चाहते हैं।
कई बार देखा गया है कि लंबे समय तक किसी एक स्थान की यात्रा करने के दरमियां लोग होटल का इस्तेमाल करते हैं। मान लीजिए आप अपने परिवार के साथ चार दिनों के लिए नैनीताल घूमने गए थे। ऐसे में आप तीन-चार दिनों के लिए कमरें को बुक करेंगे या फिर इससे अधिक भी रह सकते हैं।
होटल को कुछ इस प्रकार से बनाया जाता है कि एक के बाद एक कमरे दिखाई देंगे, जबकि पार्किंग की सुविधा कमरों से दूर होगी।
क्या होता है Motel?
होटल और मोटल सुनने में एक जैसे लगते हैं, लेकिन दोनों में काफी अंतर होता है। यूं तो मोटल शब्द होटल और मोटर से मिलकर बना है। इनका आकार देखकर ही इन्हें पहचाना जा सकता है। मोटल अक्सर आपको सड़कों के किनारे या फिर नेशनल हाईवे पर दिख जाएंगे। मोटल में होटल के मुकाबले व्यवस्थाएं काफी सीमित होती हैं।
अगर यहां पर ठहरने की बात की जाए तो वही लोग मोटल में रुकना पसंद करते हैं जिन्हें लंबी ड्राइव के बाद थकान महसूस होती है। मान लीजिए आप दिल्ली से बाइक ट्रिप पर लद्दाख के लिए निकले हैं और आप कई घंटों से अपनी बाइक चला रहे हैं। जिसकी वजह से आपके कंधे और कमर में दर्द होने लगा। ऐसे में आपने सड़क किनारे मौजूद मोटल में कुछ घंटे के लिए रूम बुक कर लिया या फिर रात में ठहरने के इरादे से रुक गए।
यह भी पढ़ें: ब्रांडेड कपड़ों पर 90% डिस्काउंट, दिल्ली में लगेगी सबसे बड़ी सेल! जानें डेट
अक्सर देखा गया है कि मोटल में लोग नाइट स्टे करते हैं, यहां पर ज्यादातर लोग एक दिन से ज्यादा नहीं ठहरते हैं। मोटल को यू या फिर स्क्वेयर शेप में डिजाइन किया जाता है। साथ ही कमरों के बाहर ही पार्किंग की सुविधा मिल जाती है।
होटल और मोटल में क्या है अंतर?
- होटल और मोटल में रुकने का अनुभव काफी अलग होता है। होटल में जहां आरामदायक सुविधाओं के लिए जाना जाता है, जबकि मोटल में सुविधाएं बेहद कम होती हैं।
- मोटल आमतौर पर सड़कों के किनारे या नेशनल हाईवे के पास स्थित होते हैं, जबकि होटल शहर, गांव, कस्बे, पर्यटन स्थल या फिर कहीं पर भी हो सकते हैं।
- होटल के कमरे मोटल के कमरों से बड़े और अत्याधुनिक होते हैं।
- होटल में रुकने के लिए जहां आपको काफी पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं, जबकि मोटल में रुकने पर आपकी जेब ज्यादा ढीली नहीं होती है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | नॉलेज (knowledge News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। खबरों की पड़ताल करना इनकी आदतों में शुमार हैं और यह टाइम्स नाउ नवभारत की वेबसाइट क...और देखें
डरना मना है! James Webb ने मंगल और बृहस्पति के बीच खोजे 100 से अधिक छोटे एस्टेरॉयड
दिलीप कुमार, प्रणब मुखर्जी की जयंती आज, जानिए और क्यों खास है 11 दिसंबर की तारीख
क्या होता है तख्तापलट? किस देश ने सबसे ज्यादा बार सहा इसका दंश
कब और क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस? जानें
जब 'कलवरी' पनडुब्बी ने बढ़ाई थी भारतीय नौसेना की ताकत, जानें रोचक इतिहास
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited