न चाहते हुए भी 49 सिगरेट पीने को मजबूर हुए आप; जानें PM 2.5 और पीएम 10 में क्या है फर्क

Delhi Pollution: दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा लगातार दूषित होती जा रही है। आलम ये है कि प्रदूषण का स्तर 'अति गंभीर' श्रेणी को पार कर चुका है और कई इलाकों में एक्यूआई हजार के पार पहुंच गया है। जिसकी वजह से लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। कुछ इलाकों की स्थिति इतना ज्यादा खराब है कि वहां पर एक दिन सांस लेने का मतलब 49 सिगरेट पीने के बराबर है।

Delhi-NCR Pollution

दिल्ली प्रदूषण

मुख्य बातें
  • दिल्ली की आबोहवा बेहद खराब।
  • लोगों को सांस लेने में हो रही दिक्कत।
  • कई इलाकों में हजार के पार पहुंचा AQI।

Delhi Pollution: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण 'अति गंभीर' श्रेणी को पार कर सबसे खराब स्तर पर है। कई इलाकों का हाल तो इतना ज्यादा बुरा है कि वहां की वायु गुणवत्ता (AQI) एक हजार या उसके आसपास है। जिसकी वजह से दिल्ली के कुछ इलाकों में सांस लेने का मतलब न चाहते हुए 49 सिगरेट पीने के बराबर है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ लगातार मार्क पहनने की सलाह दे रहे हैं।

दिल्ली की आबोहवा बेहद खराब होने की वजह से सुप्रीम कोर्ट में भी 'वायु प्रदूषण' के मुद्दे पर सुनवाई हुई। बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना का चौथा चरण यानी ग्रैप-4 लागू हो चुका है, लेकिन वायु प्रदूषण का जिक्र होते ही पीएम 2.5 और पीएम 10 जैसे शब्द खूब सुनाई देते हैं। ऐसे में चलिए आज विस्तार से समझते हैं कि पीएम 2.5 और पीएम 10 का मतलब क्या है और इनमें क्या फर्क है।

यह भी पढ़ें: 'टूटते तारों' की देखना है बरसात तो नोट कर लें तारीख, इस दिन दिखेगा दिलकश नजारा

क्या होता है PM 2.5 और PM 10 का मतलब

वायु प्रदूषण की चर्चा के दौरान आप लोगों ने पीएम 2.5 और पीएम 10 के बारे में खूब सुना होगा और इसके बारे में जानते भी होंगे, लेकिन अगर किसी को बताना हो तो कई बार सही से समझा नहीं पाते हैं। खैर, इतना सोचने की जरूरत नहीं है। पीएम का मतलब पार्टिकुलेट मैटर होता है, जो हवा में मौजूद सूक्ष्म कणों के आकार को दर्शाते हैं।

PM 2.5

पीएम 2.5 के कण बेहद छोटे होते हैं। हवा में मौजूद सूक्ष्म कणों को माइक्रोमीटर में मापा जाता है। पीएम 2.5 का मतलब ऐसे कणों से होता है, जो 2.5 माइक्रोमीटर या उससे छोटे होते हैं। ऐसे में ये कण सीधे हमारे फेफड़ों में घुसपैठ करने की क्षमता रखते हैं जिसकी वजह से सांस और हृदय से संबंधित गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

PM 10

पीएम 10 से तात्पर्य हवा में मौजूद ऐसे सूक्ष्म कणों से है, जिनका आकार 10 माइक्रोमीटर या उससे छोटा होता है। ऐसे कण मुख्यत: नाक और गले में फंस जाते हैं और सेहत के लिए हानिकारक होते हैं, लेकिन पीएम 2.5 की तुलना में कम गंभीर प्रभाव डालते हैं।

यह भी पढ़ें: इस देश के 10 में से 7 लोग बिना शादी के साथ रहने का करते हैं समर्थन

पीएम 2.5 और पीएम 10 की बढ़ोतरी से हवा की गुणवत्ता में गिरावट आती है, जिससे सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन और हृदय संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। तभी तो डॉक्टर्स लगातार घरों की खिड़कियों को बंद रखने, ज्यादा प्रदूषण वाली जगहों से दूर रहने और सुबह-शाम की वॉक पर नहीं जाने की सलाह देते हैं।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। नॉलेज (Knowledge News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

लेटेस्ट न्यूज

अनुराग गुप्ता author

टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। खबरों की पड़ताल करना इनकी आदतों में शुमार हैं और यह टाइम्स नाउ नवभारत की वेबसाइट क...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited