EVM क्या है? देश में पहली बार कब हुआ था इस्तेमाल, जानें

EVM Machine: इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन जिसे आसान भाषा में ईवीएम कहा जाता है। यह एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है, जिसके माध्यम से वोट डाले जाते हैं। साथ ही ईवीएम के जरिए वोटों की गिनती भी की जाती है। ​देश के दक्षिणी राज्य में सबसे पहले ईवीएम का इस्तेमाल हुआ था। साल 1982 में केरल के उत्तरी पारावुर विधानसभा के लिए हुए उपचुनाव में ईवीएम इस्तेमाल की गई थी।

EVM.

ईवीएम क्या है

EVM Machine: देश इन दिनों लोकतंत्र का सबसे खूबसूरत पर्व मना रहा है और 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव प्रक्रिया जोरो-शोरो से चल रही है। अबतक पांच चरण के मतदान संपन्न हो चुके हैं और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की मदद से मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। तो चलिए इस आर्टिकल में ईवीएम के बारे में समझते हैं। आखिर ईवीएम है क्या और पहली बार देश के किस चुनाव में ईवीएम का इस्तेमाल हुआ था।

क्या है ईवीएम?

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन जिसे आसान भाषा में ईवीएम कहा जाता है। यह एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है, जिसके माध्यम से वोट डाले जाते हैं। साथ ही ईवीएम के जरिए वोटों की गिनती भी की जाती है।

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कैसे तैयार होती है ईवीएम?

बकौल चुनाव आयोग, ईवीएम को दो यूनिटों (कंट्रोल यूनिट और बैलट यूनिट) से तैयार किया गया है। दोनों यूनिटों को केबल के माध्यम से एक-दूसरे से कनेक्ट किया जाता है। ईवीएम की कंट्रोल यूनिट पीठासीन अधिकारी के पास रखी जाती है, जबकि बैलट यूनिट को वोटिंग कंपार्टमेंट में रखा जाता है, जहां पर मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करता है। पीठीसीन अधिकारी बैलेट का बटन दबाते हैं उसके बाद मतदाता अपना वोट डाल सकता है।

क्या ईवीएम से हो सकती है छेड़छाड़?

बकौल चुनाव आयोग, ईवीएम से कोई अन्य डिवाइस और नेटवर्क कनेक्ट नहीं हो सकता है। ईवीएम एकदम सुरक्षित और सेफ है।

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देश में पहली बार EVM का इस्तेमाल कब हुआ था?

देश के दक्षिणी राज्य में सबसे पहले ईवीएम का इस्तेमाल हुआ था। साल 1982 में केरल के उत्तरी पारावुर विधानसभा के लिए हुए उपचुनाव में ईवीएम इस्तेमाल की गई थी। यह पहला मौका था जब मतदाताओं ने ईवीएम से वोट डाला था, लेकिन आम चुनाव (Lok Sabha Elections) की बात की जाए तो गोवा में साल 1999 में पहली बार ईवीएम का इस्तेमाल किया गया था। हालांकि, चुनाव आयोग ने साल 2004 में ईवीएम को पूरी तरह से अपना लिया था और ईवीएम के जरिए चुनाव कराने का फैसला किया था।

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अनुराग गुप्ता author

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