पृथ्वी पर पहली बार होगी मानव निर्मित चट्टानी टुकड़ों की बारिश? NASA मिशन से कुछ यूं पैदा हुए हालात

NASA Dart Mission: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के डार्ट मिशन की वजह से पहली बार संभवत: आसमानी चट्टानों की बारिश हो सकती है। वैज्ञानिकों के नए अध्ययन से पता चला है कि अंतरिक्ष में फैला हुआ एस्टेरॉयड का मलबा मंगल ग्रह के रास्ते पर हैं। हालांकि, छोटे-छोटे टुकड़ों को लेकर कहा गया है कि यह पृथ्वी की ओर अगले एक दशक में बढ़ सकता है।

NASA Dart Mission meteor shower

उल्का बारिश

मुख्य बातें
  • पहली बार हो सकती है मानव निर्मित उल्का बारिश।
  • अंतरिक्ष यान की जानबूझकर कराई गई टक्कर।
  • लाखों टुकड़ों में टूट गया एस्टेरॉयड।

NASA Dart Mission: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) की वजह से संभवत: पहली बार आसमान से चट्टानों की बरसात हो सकती है। हालांकि, यह कोई विशालकाय चट्टान नहीं, बल्कि छोटे-छोटे उल्का हो सकते हैं। दरअसल, नासा ने दो साल पहले एक परीक्षण को लेकर एस्टेरॉयड यानी क्षुद्रग्रह को भीषण टक्कर से तबाह किया था जिसके बाद क्षुद्रग्रह के लाखों छोटे-छोटे टुकड़ों में तब्दील हो गया।

वैज्ञानिकों ने एक नए अध्ययन के जरिए नासा द्वारा अंतरिक्ष यान को एक एस्टेरॉयड से टकराने की जानकारी साझा की। लाइव साइंस की रिपोर्ट के मुताबिक, अंतरिक्ष यान की टक्कर से एस्टेरॉयड के लाखों छोटे-छोटे टुकड़े हो गए, जो पृथ्वी और मंगल से टकराने की राह पर बढ़ रहे हैं। यह छोटी-छोटी चट्टानें अगले एक दशक के भीतर हमारे ग्रह से टकराना शुरू कर सकती हैं। हालांकि, इसकी वजह से पृथ्वी पर जीवन के लिए कोई खतरा नहीं है, लेकिन इसकी वजह से संभवत: पहली बार मानव निर्मित उल्का बारिश हो सकती है।

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नासा का DART मिशन

नासा का डबल एस्टेरॉयड रीडायरेक्शन टेस्ट (DART) अंतरिक्ष यान 26 सितंबर, 2022 को डिमोर्फोस एस्टेरॉयड से टकराया था। उस वक्त डार्ट अंतरिक्ष यान 24,000 किमी/घंटा की रफ्तार से डिमोर्फोस के बीचों बीच टकराया था। पृथ्वी से लगभग 11 मिलियन किमी की दूरी पर हुआ यह महाविस्फोट संभावित रूप से खतरनाक एस्टेरॉयड का रास्ता बदलकर हमारे ग्रह को बचाने का एक परीक्षण था।

सफल रहा मिशन

बकौल रिपोर्ट, नासा का डार्ट मिशन सफल रहा था। तभी तो एस्टेरॉयड का न सिर्फ रास्ता बदला, बल्कि वह छोटे-छोटे टुकड़ों में भी तब्दील हो गया। हालांकि, इसमें कुछ बड़े पत्थर भी शामिल हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि अगले कुछ दशकों में यह चट्टानें मंगल ग्रह से टकरा सकती हैं, जबकि किसी भी बड़ी चट्टान की पृथ्वी से टकराने की उम्मीद नहीं है, लेकिन नए अध्ययन में वैज्ञानिकों ने एस्टेरॉयड के छोटे टुकड़ों पर अपनी पैनी निगाह डाली और सुपरकम्प्यूटर की मदद से अंतरिक्ष यान द्वारा इकट्ठा किए गए डेटा का परीक्षण किया गया।

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रात में जगमग होगा आसमान

शोधकर्ताओं को डेटा के परीक्षण से पता चला कि एस्टेरॉयड के कई छोटे टुकड़े मंगल या पृथ्वी और चंद्रमा की ओर जा सकते हैं। हालांकि, इसकी वजह से किसी नुकसान की कोई आशंका नहीं है। इनका आकार चार इंच तक हो सकता है, लेकिन यह जरूर है कि पृथ्वी के वायुमंडल में छोटे चट्टानी टुकड़ों के प्रवेश के बाद रात के समय आसमान में एक दमदार नजारा दिख सकता है।

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अनुराग गुप्ता author

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