विचित्र! अपना घर छोड़कर तेजी से भाग रहे 55 अनोखे तारे; गैया टेलीस्कोप बना गवाह
Gaia Discovery: यूरोप के गैया स्पेस टेलीस्कोप की मदद से ब्रह्मांडीय जगत का एक और करिश्मा उजागर हुआ। दरअसल, खगोलविदों ने सुदूर अंतरिक्ष में 55 ऐसे विछित्र तारों का पता लगाया है, जो अपने तारकीय समूह यानी घर को छोड़कर भाग रहे हैं। इन विचित्र तारों का ताल्लुक आर136 नामक तारकीय समूह से है।
भगोड़े तारे (फोटो साभार: Copilot AI Image)
मुख्य बातें
- सुदूर अंतरिक्ष में दिखे विचित्र तारे।
- भगोड़े तारों पर हो रहा अध्ययन।
- R136 तारकीय समूह का हिस्सा थे यह तारे।
Gaia Discovery: ब्रह्मांडीय दुनिया में हमेशा कुछ न कुछ ऐसा होता है, जो खगोलविदों को अचंभित करने के लिए काफी है। हाल ही में यूरोप के गैया स्पेस टेलीस्कोप ने एक ऐसी विचित्र घटना को कैप्चर किया है जिसकी कभी किसी ने कल्पना तक नहीं की होगी। खगोलविदों ने गैया स्पेस टेलीस्कोप की मदद से 55 ऐसे विचित्र तारों की पहचान की है, जो अपना घर छोड़कर भाग रहे हैं।
घर छोड़कर भाग रहे तारे!
स्पेस डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, खगोलविदों द्वारा खोजे गए 55 नए तारे हमारी घरेलू मिल्की-वे की उपग्रह आकाशगंगा लार्ज मैगेलैनिक क्लाउड (LMC) में युवा घनी आबादी से तेज गति से बाहर निकल रहे हैं। यह पहली बार है जब इतने सारे तारों को एक साथ एक ही तारा समूह से बाहर निकलते हुए देखा गया है।
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पृथ्वी से लगभग 1.5 लाख प्रकाश वर्ष दूर R136 नामक तारा समूह स्थित है, जो लाखों तारों का घर है और LMC में गहन तारा निर्माण वाली जगह का महज पर स्थित है। यह खगोलविदों द्वारा देखे गए अबतक के सबसे बड़े तारों में से कुछ का घर है, जिनमें से कुछ का द्रव्यमान सूर्य के द्रव्यमान से 300 गुना अधिक है।
ब्रह्मांडीय मिसाइल से कम नहीं ये तारे
बकौल रिपोर्ट, भागे हुए तारों पिछले 20 लाख सालों में दो विस्फोटों में बाहर निकल गए थे। उनमें से कुछ एक लाख किमी प्रति घंटे से अधिक की रफ्तार से अपने घरों से दूर भाग रहे हैं। हालांकि, घर छोड़कर भागे हुए तारे इतने विकसित हैं कि वह सुपरनोवा विस्फोट में मर सकते हैं और अपने पीछे ब्लैक होल या न्यूट्रॉन तारा छोड़ सकते हैं। यह विचित्र तारे ब्रह्मांडीय मिसाइलों से कम नहीं है, जो अपने मूल बिंदु से हजार प्रकाश वर्ष की दूरी पर विस्फोट करेंगे।
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इन तारों की खोज एम्स्टर्डम यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता मिशेल स्टूप के नेतृत्व में गैया स्पेस टेलीस्कोप की मदद से की गई। गैया टेलीस्कोप अरबों तारों की स्थिति की सटीक निगरानी के लिए जाना जाता है।
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अनुराग गुप्ता author
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