पृथ्वी के नजदीक से गुजरेंगे 'तबाही के देवता'; नग्न आंखों से देख सकेंगे आप, वैज्ञानिकों ने टिकाई अपनी निगाह
Apophis Asteroid: पृथ्वी के करीब से 2029 में 'तबाही के देवता' गुजरेंगे। 'तबाही के देवता' का आकार इतना विशाल है कि वैज्ञानिकों ने अपनी निगाह गड़ा रखी है। दरअसल, यह एक विशालकाय एस्टेरॉयड है, जिसे एपोफिस एस्टेरॉयड के नाम से जाना जाता है। इसकी खोज साल 2004 में हुई थी। एपोफिस प्रारंभिक सौरमंडल का अवशेष है।
एपोफिस एस्टेरॉयड (फोटो साभार: कैनवा फ्री फोटो)
- 2004 में हुई थी एपोफिस की खोज।
- एपोफिस एस्टेरॉयड को 'तबाही का देवता' भी कहा जाता है।
- एस्टेरॉयड का नाम मिस्र के एक देवता के नाम पर पड़ा।
Apophis Asteroid: अंतरिक्ष में पृथ्वी के करीब से गुजरने वाली 'आसमानी वस्तुओं' पर वैज्ञानिकों की काफी रुचि रहती है और इन दिनों यह रूचि काफी ज्यादा बढ़ गई है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि एपोफिस नामक एस्टेरॉयड पृथ्वी के करीब से गुजरने वाला है और इसके डायरेक्शन, गति इत्यादि की वजह से वैज्ञानिकों ने अपनी निगाह गड़ा रखी है।
अब आपके ज़हन में 'तबाही के देवता' का ख्याल उमड़ रहा होगा। ऐसे में ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। दरअसल, तबाही के देवता (God of destruction) एपोफिस एस्टेरॉयड का ही नाम है।
क्या पृथ्वी से टकराएगा एपोफिस?
एपोफिस एस्टेरॉयड 13 अप्रैल, 2029 को पृथ्वी के करीब से गुजरेगा। उस वक्त एस्टेरॉयड 99942 एपोफिस पृथ्वी की सतह से 32,000 किमी से भी कम दूरी से गुजरेगा। एपोफिस एस्टेरॉयड का व्यास 375 मीटर यानी 1230 फीट है। हालांकि, एपोफिस के पृथ्वी से टकराने का कोई खतरा नहीं है, लेकिन ऐसे एस्टेरॉयड वैज्ञानिक अध्ययनों में मदद करते हैं।
यह भी पढ़ें: 5 दिन में 5 विशालकाय चट्टान आ रही डराने; अलौकिक नजारे को देख खड़े हो जाएंगे कान, वैज्ञानिक चिंतित
कब हुई थी एपोफिस की खोज?
एपोफिस एस्टेरॉयड की खोज 2004 में उस वक्त हुई जब वैज्ञानिकों को यह डर सता रहा था कि एक विशालकाय वस्तु 2029, 2036 या 2068 में पृथ्वी से टकरा सकती है। हालांकि, बाद में वैज्ञानिक अवलोकनों ने कम से कम 100 साल तक एपोफिस एस्टेरॉयड के विनाशकारी प्रभाव की संभावना को खारिज कर दिया था। एपोफिस एस्टेरॉयड की खोज 19 जून, 2004 को अमेरिका के किट पीक नेशनल ऑब्जर्वेटरी में की गई थी।
क्या दिखाई देंगे 'तबाही के देवता'?
साल 2029 में 'तबाही के देवता' को नग्न आंखों से देखा जा सकेगा, लेकिन यह दुनियाभर के आसमान में दिखाई दें यह जरूरी नहीं। दरअसल, एपोफिस एस्टेरॉयड यूरोप, अफ्रीका और एशिया के कुछ हिस्सों में रात के समय आसमान में नंगी आंखों से देखा जा सकेगा। आसमान में यह चमकीली लकीर की तरह देखा जा सकेगा। हालांकि, इसको देखने के लिए दूरबीन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें: स्टारबर्स्ट गैलेक्सी के सामने फीकी है हमारी मिल्की-वे! 100 गुना तेज गति से बना रही तारे
कैसे पड़ा भयावह नाम?
यूरोपियन स्पेस एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, एपोफिस एस्टेरॉयड का नाम मिस्र के अराजकता और विनाश के प्राचीन देवता के नाम पर रखा गया था। साथ ही इस प्रकार के एस्टेरॉयड तबाही को दर्शाते भी हैं।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | नॉलेज (knowledge News) और बजट 2024 (Union Budget 2024) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। खबरों की पड़ताल करना इनकी आदतों में शुमार हैं और यह टाइम्स नाउ नवभारत की वेबसाइट क...और देखें
जोधपुर झाल में 9 लुप्तप्राय समेत 62 खूबसूरत प्रजातियों की हुई पहचान, जानें कितनी हैं जलीय पक्षियों की संख्या?
पृथ्वी का कैसे मापते हैं तापमान? जल रहा लॉस एंजिलिस; सबसे गर्म साल रहा 2024
आज तक नहीं सुलझी उस रात की पहेली, ताशकंद में राज बनकर रह गई लाल बहादुर शास्त्री की मौत
बर्फीले अंटार्कटिका पर कब पहुंचा था पहला भारतीय दल? जानें
SPADEX Mission: फिर टली स्पैडेक्स मिशन की डॉकिंग, ISRO ने बताई इसके पीछे की वजह
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited