'ग्रेट बैरियर रीफ' को बचाने में न करें देरी, जलवायु परिवर्तन के चलते हो रही नष्ट! रिपोर्ट में अहम खुलासे

Great Barrier Reef: 'ग्रेट बैरियर रीफ' की हालत खस्ता होती जा रही है और इसके पीछे जलवायु परिवर्तन जिम्मेदार है। अगर समय रहते इसे बचाया नहीं गया तो यह समाप्त हो जाएगा। हाल ही में जारी हुई एक रिपोर्ट के मुताबिक, ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से 'ग्रेट बैरियर रीफ' और दुनियाभर की अन्य रीफ (शैल-भित्ति) धीरे-धीरे नष्ट हो रही हैं।

Great_Barrier_Reef

'ग्रेट बैरियर रीफ'

मुख्य बातें
  • 2024 ग्रेट बैरियर रीफ आउटलुक नामक रिपोर्ट जारी।
  • ग्रेट बैरियर रीफ मरीन पार्क अथॉरिटी ने जारी की रिपोर्ट।
  • मानवता हो रही है विफल: रिपोर्ट।
Great Barrier Reef: 'ग्रेट बैरियर रीफ' का क्षरण मुख्य रूप से जलवायु परिवर्तन (Climate Change) के कारण जारी रहेगा और इसे बचाने का समय तेजी से समाप्त हो रहा है। रीफ (शैल-भित्ति) की स्थिति को लेकर एक नई रिपोर्ट के बाद यह दावा किया गया। यह रिपोर्ट 'ग्रेट बैरियर रीफ मरीन पार्क अथॉरिटी' द्वारा जारी की गई है।

रीफ हो रही नष्ट

रिपोर्ट इस बात की पुष्टि करती है, जो वैज्ञानिक लंबे समय से जानते हैं: मानवता ‘ग्लोबल वार्मिंग’ का कारण बनने वाले ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को रोकने में विफल रहने की वजह से ‘ग्रेट बैरियर रीफ’ और दुनियाभर की अन्य रीफ (शैल-भित्ति) को नष्ट कर रही है।
क्वींसलैंड विश्वविद्यालय में प्रोफेसर ओवे होघ-गुल्डबर्ग इस साल की शुरुआत में दक्षिणी ग्रेट बैरियर रीफ के उन भागों में गए थे, जहां बड़े पैमाने पर 'कोरल' यानी प्रवाल 'ब्लीचिंग' और उनके नष्ट होने की घटनाएं हुई हैं। तस्वीर बहुत ही भयावह थी। कोरल के बहुत बड़े हिस्से सफेद रंग में बदल गए थे। बीच-बीच में गुलाबी और नीले रंग दिखाई दे रहे थे, जो प्रवाल के जीवित रहने के लिए आखिरी प्रयास को दर्शाता है और ऐसा प्रतीत होता है कि कोरल का बहुत बड़ा हिस्सा अब नष्ट हो चुका है।

प्रवाल भित्ति की हालत खस्ता

उन्होंने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी प्रवाल भित्ति बहुत ही बुरी हालत में है। जब मैं तैर रहा था तो मेरे दिमाग में यह बात चल रही थी कि 2023 पृथ्वी का अब तक का सबसे गर्म साल था। 'ग्रेट बैरियर रीफ' कम से कम पिछले 400 वर्षों में सबसे गर्म रहा। यदि मानवता ने जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए बड़े कदम नहीं उठाए तो हम हजारों वर्षों से पृथ्वी पर मौजूद खूबसूरत, जटिल प्रवाल को खो देंगे। हालांकि, हालिया रिपोर्ट से पता चलता है कि सरकारें और अधिकारी इस तथ्य को स्वीकारते हैं।

न करें कोई गलती

शुक्रवार को देर रात जारी हुई '2024 ग्रेट बैरियर रीफ आउटलुक रिपोर्ट' इसके स्वास्थ्य संबंधी पांच वर्षीय रिपोर्ट की सीरीज में चौथी रिपोर्ट है। इसमें पाया गया कि गर्म होते महासागर और गंभीर उष्णकटिबंधीय चक्रवात 'क्राउन-ऑफ-थॉर्न स्टारफिश' प्रकोप, खराब जल गुणवत्ता और मछली पकड़ने की गतिविधियों की अस्थिरता जैसे अन्य खतरों को बढ़ा रहे हैं।

कुछ प्रवाल प्रजातियों की स्थिति में हुआ सुधार

रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले पांच साल में कुछ प्रवाल प्रजातियों की स्थिति में सुधार हुआ है और वे 'बहुत खराब' से 'खराब' की श्रेणी में आ गई है। हमें इस बारे में बहुत उत्साहित नहीं होना चाहिए। इसका मतलब है कि तेजी से बढ़ने वाली कुछ प्रवाल प्रजातियां वापस उभर रही हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि प्रवाल की समग्र संभावनाएं अब भी खराब बनी हुई हैं।
हालांकि, पारिस्थितिकी तंत्र के कुछ मूल्यों में हाल में हुए सुधार से यह पता चलता है कि चट्टान अब भी स्वयं को परिस्थिति के अनुसार ढाल रही है, लेकिन तेजी से बदलती जलवायु के कारण इसकी सहनशीलता और इसके ढलने की क्षमता खतरे में पड़ गई है।

सशक्त नेतृत्व की जरूरत

उन्होंने बताया कि वह पहली बार 1980 में एक विश्वविद्यालय के छात्र के रूप में ग्रेट बैरियर रीफ गए थे। इसमें उनकी रुचि कभी कम नहीं हुई। यह प्रकृति के उन अविश्वसनीय हिस्सों में से एक है, जिसका वर्णन करना असंभव है।
'रीफ' को विश्व धरोहर सूची में शामिल किया जाना इसके उत्कृष्ट वैश्विक मूल्य का प्रमाण है। ऑस्ट्रेलियाई लोग इस विशाल और अद्भुत स्थान से प्रेम करते हैं और इस पर गर्व महसूस करते हैं। 'रीफ' कई लोगों की आजीविका का साधन है। यह हम सभी को आर्थिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रूप से सहारा देता है।
उन्होंने कहा कि मानवता को वैश्विक तापमान वृद्धि को सीमित करने के लिए तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए, लेकिन हम विफल हो रहे हैं। हम 'ग्रेट बैरियर रीफ' और पूरे ग्रह में प्रवाल शैल भित्तियों को नष्ट कर रहे हैं।

जलवायु परिवर्तन एक वैश्विक समस्या

ओवे होघ-गुल्डबर्ग ने कहा कि जलवायु परिवर्तन एक वैश्विक समस्या है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया निस्संदेह इसका हिस्सा है। यदि हम 'ग्रेट बैरियर रीफ' को बचाना चाहते हैं तो इस देश को उस जीवाश्म ईंधन का निर्यात नहीं करना चाहिए, जिसे अन्य देशों में जलाया जाता है। इससे निपटने के लिए प्रधानमंत्री से लेकर हर स्तर तक मजबूत राजनीतिक नेतृत्व की आवश्यकता होगी। मानवता के सामने सभी तथ्य मौजूद हैं। पृथ्वी बहुत तेजी से परिवर्तन के एक अज्ञात दौर से गुजर रही है। अगर हम अभी कदम नहीं उठाएंगे तो हम 'ग्रेट बैरियर रीफ' को खो देंगे।
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अनुराग गुप्ता author

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