History of Varanasi: क्यों कहलाता है बनारस 'सर्वविद्या की राजधानी', क्या है इसका पाकिस्तान से नाता, रोचक है इतिहास
History of Varanasi in Hindi: वाराणसी को मुक्तिभूमि, शिवपुरी, विश्वनाथनगरी, मंदिरों का शहर, भारत की धार्मिक राजधानी, भगवान शिव की नगरी और ज्ञान नगरी के नाम से जाना जाता है। वाराणसी का एक और नाम भी काफी प्रचलित हैं- सर्वविद्या की राजधानी। सर्वविद्या की राजधानी पड़ने के पीछे बड़ा रोचक किस्सा है, जिसके तार पाकिस्तान तक जुड़ते हैं।
बनारस क्यों कहलाता है 'सर्वविद्या की राजधानी
History of Varanasi in Hindi: भगवान शिव की नगरी, अध्यात्म का शहर, धार्मिक राजधानी, इतिहास की झलक वाला शहर, काशी और बनारस...यूपी के वाराणसी को और ना जानें किन-किन नामों से पुकारा जाता है। गंगा किनारे बसा पुरातन संस्कृति की कहानी वाला यह शहर दुनिया के प्राचीनतम और सबसे पवित्र स्थानों में शुमार है। कहते हैं बनारस शहर जीवन और मृत्यु के चक्र से मोक्ष प्रदान करता है। वाराणसी का एक और नाम भी काफी प्रचलित हैं- सर्वविद्या की राजधानी। बनारस का नाम सर्वविद्या की राजधानी पड़ने के पीछे बड़ा रोचक किस्सा है, जिसके तार पाकिस्तान तक जुड़ते हैं। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
What is the Story Behind the Varanasi: बनारस का इतिहास
वाराणसी का पुराना नाम काशी है। धार्मिक ग्रंथों में भी काशी के नाम से इस शहर का महिमामंडन किया गया है। आपको जानकर हैरानी होगी कि बनारस शहर का यह नाम करीब 3,000 साल से बोला जा रहा है। काशी को कई बार कई जगहों पर कशिका भी कहा जाता है। कशिका का अर्थ है, चमकना।
कहा जाता है कि भगवान शिव की नगरी होने के कारण यह शहर हमेशा चमकता रहता है। काशी का उल्लेख कई धार्मिक ग्रंथों में भी मिलता है। प्राचीन ग्रंथ ऋगवेद में भी काशी का उल्लेख है। वाराणसी को मुक्तिभूमि, शिवपुरी, त्रिपुरारिराजनगरी, विश्वनाथनगरी, मंदिरों का शहर, भारत की धार्मिक राजधानी, भगवान शिव की नगरी और ज्ञान नगरी के नाम से भी जाना जाता है।
कैसे मिला सर्वविद्या की राजधानी नाम?वाराणसी को सर्वविद्या की राजधानी भी कहा जाता है। यह नाम बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के कुलगीत से लिया गया है। बीएचयू का कुलगीत कुछ इस प्रकार है-
BHU का कुलगीत
कैसे है इसका पाकिस्तान से नाता?
बीएचयू का यह कुलगीत महान वैज्ञानिक शांति स्वरूप भटनागर ने लिखा था। उनके ही नाम पर हर साल विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी मंत्रालय द्वारा विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वालों को शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार दिया जाता है। बता दें कि साइंटिस्ट शांति स्वरूप भटनागर का जन्म 21 फरवरी 1894 को शाहपुर पंजाब में हुआ था। यह शाहपुर अब पाकिस्तान में है।
वैज्ञानिक शांति स्वरूप भटनागर जब लंदन से पढ़ाई करके भारत वापस आए तो बीएचयू में रसायन शास्त्र के प्रोफेसर के रूप में काम करना शुरू किया। बाद में वो पंजाब यूनिवर्सिटी चले गए लेकिन उनका बनारस के प्रति जुड़ाव हमेशा बना रहा। उन्होंने ही बीएचयू के कुलगीत को लिखा है जिसमें बनारस शहर को 'सर्वविद्या की राजधानी' नाम दिया है।
महान वैज्ञानिक शांति स्वरूप भटनागर
सर्वविद्या की राजधानी कहे जाने के पीछे का एक मुख्य कारण यह है कि इस शहर में आकर हर तरह के गुण सीख सकते हैं। सिर्फ बीएचयू में 14 संकायों (स्ट्रीम) और लगभग 140 विभागों में सैकड़ों कोर्स कराए जाते हैं। यहां तक कि BHU के आयुर्वेद संकाय में अब भूतविद्या की भी पढ़ाई होती है। वहीं, संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी में ज्योतिष, कर्मकांड, वास्तु और योग जैसे कोर्स कराए जाते हैं। वहीं, यहां का एक मोहल्ला कबीरचौरा संगीत शिक्षा के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है।
शिक्षा का केंद्र
हर साल हजारों की संख्या में विदेशी वाराणसी में भारतीय संस्कृति की पढ़ाई करने आते हैं। वाराणसी में चार बड़े विश्वविद्यालय स्थित हैं। यहां बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU), महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ (MGKVP), सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ हायर टिबेटियन स्टडीज और संपूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय है। इस शहर में कई संगीत विद्यालय भी है। यहां जैन, बौद्ध और आर्य समाज के अध्ययन केंद्र भी स्थित हैं। यहां रहकर भारतीय शिल्पकला और बुनकरी भी सीख सकते हैं।
Banaras
बनारस में कुल 84 घाट हैं। दशाश्वमेध घाट, अस्सी घाट, केदार घाट, हरिश्चंद्र घाट और मणिकर्णिका घाट का नाम मुख्य घाटों में शामिल है। घाटों पर मंत्रमुग्ध कर देने वाली गंगा आरती देखते ही बनती है। हर दिन हजारों लोग गंगा आरती देखने घाट पर जाते हैं। यहां पुजारी लयबद्ध गति के साथ पवित्र गंगा नदी की पूजा करते हैं। सूर्योदय या सूर्यास्त के दौरान गंगा के किनारे नाव की सवारी एक शांत अनुभव प्रदान करती है, जिससे शहर की शाश्वत सुंदरता देखने का मौका मिलता है।
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सर्वविद्या की राजधानी कहे जाने वाले वाराणसी का रहने वाला हूं। यहीं से पढ़ाई की शुरुआत हुई। महात्म...और देखें
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