क्या है एयर ट्रैफिक कंट्रोल? टेक ऑफ से लैंडिंग तक कैसे करता है काम; समझिए पूरा गणित
Air Traffic Control: एटीसी एक विमान की आंख, नाक, कान और उससे भी बढ़कर ऑक्सीजन की तरह है। बिना एटीसी के निर्देशों के न तो विमान टेकऑफ कर सकता है और न ही अनुमति के बिना लैंड हो सकता है। मतलब विमान का सुचारू संचालन कराना ही एटीसी का जिम्मा है।
ATC का रोल क्या है? (सांकेतिक तस्वीर)
Air Traffic Control: आप लोगों ने ATC के बारे में कितना सुना है? विमान से अक्सर यात्रा करने वाले लोग तो कभी-न-कभी ATC का नाम सुना होगा, लेकिन यह है क्या? और यह किस प्रकार काम करता है? ATC यानी एयर ट्रैफिक कंट्रोल, यह विमान के लिए बिल्कुल ऑक्सीजन की तरह है जिस प्रकार इंसान ऑक्सीजन के बिना दम तोड़ देता है ठीक उसी प्रकार एसीटी के बिना शायद ही विमान का सही ढंग से संचालन हो सकता हो।
क्या है ATC?
ATC की मदद से आसमान में उड़ रहे विमानों का सुचारू ढंग से संचालन सुनिश्चित होता है। यह विमान को आसमान में रास्ता बताते हैं। टेक ऑफ से लेकर लैंडिंग तक विमान के लिए एटीसी काफी अहम है। पायलट अमूमन हर एक चीज की जानकारी एटीसी को मुहैया कराता है।
विमानों को रास्ता दिखाता है ATC
आप लोग जब घर से बाहर कहीं जाते हैं तो आपको सड़क पर ट्रैफिक मिलता ही होगा, लेकिन ट्रैफिक लाइट्स के जरिए सड़कों पर बेफिजूल के जाम ज्यादा नहीं लगते हैं। साथ ही ट्रैफिक पुलिस ट्रैफिक का सकुशल संचालन करती है। कुछ ऐसा ही काम आसमान में भी होता है।
हमें दिन के समय पर सूर्य की रोशनी की वजह से आसमान में ज्यादा विमान नहीं दिखते हैं, लेकिन रात के समय आसमान में विमान की लुपलुपाती हुई लाइट जरूर दिखाई देती है। आसान शब्दों में कहें तो आसमान में विमानों के ट्रैफिक को कंट्रोल करने का जिम्मा एटीसी का होता है।एटीसी विमानों को रास्ता बताती हैं। इसके अलावा बिना एटीसी की अनुमति के कोई भी विमान न तो उड़ान भर सकता है और न ही लैंड हो सकता है।
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एटीसी की गाइडलाइंस को नहीं मानने पर पायलट को लाइसेंस तक गंवाना पड़ सकता है। दरअसल, एटीसी के दिशा-निर्देशों की जानबूझकर अनदेखी करने पर पायलट का कमर्शियल पायलट लाइसेंस निरस्त हो सकता है।
सुरक्षित दूरी पर हों विमान
एटीसी पायलटों की आंख और कान दोनों है। विमान कब उड़ान भरेगा और कब उतरेगा इसकी पूरी जानकारी वो रखता है। इसके अलावा एटीसी पायलट से विमान का प्रस्तावित रास्ता, ऊंचाई और स्पीड की उड़ान योजनाओं के बारे में जानकारी लेता है।
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वहीं, एयर ट्रॉफिक, मौसम और अन्य कारकों को ध्यान में रखते हुए एटीसी उड़न योजनाओं को संशोधित भी कर सकता है। इन तमाम आंकड़ों के आधार पर एटीसी यह सुनिश्चित करता है कि विमान एक-दूसरे से टकराए नहीं और वह सुरक्षित दूरी पर उड़ान भरें। इसके लिए एटीसी रडार और अन्य तकनीकों का इस्तेमाल करता है। एटीसी एयर ट्रैफिक की निगरानी करता है। साथ ही दुर्घटनाओं को रोकने के लिए काम करता है और आपातकालीन स्थितियों में मदद मुहैया करता है।
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