अंतिम मुगल बादशाह के खिलाफ अंग्रेजों ने क्यों चलाया था मुकदमा? इतिहास के पन्नों में दर्ज है कहानी

7 January History: इतिहास में 7 जनवरी का दिन बहुत सी महत्वपूर्ण घटनाओं के साथ दर्ज है। वह सात जनवरी का ही दिन था, जब अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर द्वितीय के खिलाफ अंग्रेजी हुकूमत ने मुकदमे की शुरूआत की। दरअसल, जफर को भारत के इस प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाने की भारी कीमत चुकानी पड़ी।

अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर

7 January History: वर्ष के हर दिन की तरह सात जनवरी का दिन भी बहुत सी अच्छी बुरी घटनाओं के साथ इतिहास के पन्नों में दर्ज है। वह सात जनवरी का ही दिन था, जब अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर द्वितीय के खिलाफ अंग्रेजी हुकूमत ने मुकदमे की शुरूआत की। उनपर इलजाम था कि उन्होंने 1857 में हुकूमत के खिलाफ उठी बगावत की चिंगारी को हवा दी।

दरअसल, जफर को भारत के इस प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाने की भारी कीमत चुकानी पड़ी और उन्हें बंदी बना कर रंगून ले जाया गया, जहां 1862 में उनकी मृत्यु हो गई और उन्हें अपने प्यारे वतन में दो गज जमीन भी न मिल सकी।

देश ने उनके योगदान को सम्मान दिया और उनके नाम पर कई सड़कों का नाम रखा गया। पाकिस्तान के लाहौर शहर में भी उनके नाम पर एक सड़क है। बांग्लादेश में ढाका में विक्टोरिया पार्क का नाम बदलकर बहादुर शाह जफर पार्क कर दिया गया है।

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