आपके घरों तक कैसे पहुंचती है बिजली? सब स्टेशन की क्या भूमिका होती है, जान लें
Electricity in India: बिजली उत्पादन क्षेत्र से बिजली आपके घरों तक कैसे पहुंचती है? यह सवाल अक्सर आप लोगों के ज़हन में उठता होगा तो समझते हैं इसकी पूरी प्रक्रिया। दरअसल, हाई टेंशन तार की मदद विभिन्न चरणों के बाद बिजली सिटी सब स्टेशन तक पहुंचती है जहां से वह आपके घरों तक भेजी जाती है।
बिजली उत्पादन क्षेत्र
Electricity in India: आप लोगों के ज़हन में एक सवाल जरूर उठा होगा कभी-न-कभी कि आखिर इलेक्ट्रिकसिटी यानी बिजली आपके घरों तक कैसे पहुंचती है? इसकी प्रक्रिया क्या है? साथ ही घरों तक बिजली पहुंचाने वाली तारों में कितना वोल्टेज होता है।
घरों में कैसे पहुंचती है बिजली?
पॉवर जनरेटिंग स्टेशन में बिजली का उत्पादन 11 kV में होता है, लेकिन लोगों के घरों या कहें दूर-दराज के इलाकों तक बिजली मुहैया कराने के लिए यह वोल्टेज काफी नहीं होता है। ऐसे में चरणबद्ध तरीके से बिजली को घरों तक पहुंचाया जाता है।
क्यों बढ़ाया जाता है बिजली का वोल्टेज
बता दें कि बिजली उत्पादन स्टेशन से बिजली को कम वोल्टेज पर ज्यादा दूर तक नहीं भेजा जा सकता है, क्योंकि इसमें विद्युतीय ऊर्जा की काफी बर्बाद होती है। इसी वजह से स्टेप अप ट्रांसफॉर्मर की बदौलत बिजली के वोल्टेज बढ़ाया जाता है, लेकिन सिटी सब स्टेशन तक पहुंचते समय बिजली का वोल्टेज कम हो जाता है।
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बिजली के उत्पादन के बाद उसका वोल्टेज बढ़ाकर हाईटेंशन तारों की मदद से सब स्टेशन तक पहुंचाया जाता है। देश में बिजली के उत्पादन के लिए कई पावर प्लांट हैं, जो आपस में एक ग्रिड से जुड़े हुए हैं। राज्यों के पावर प्लांट में आपस में जुड़कर एक स्टेट ग्रिड, जबकि कई स्टेट ग्रिड मिलकर रीजनल ग्रिड बनाते हैं।
देश में कितने रीजनल ग्रिड हैं?
देश में पांच स्टेट ग्रिड है, जिनमें पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण और पूर्वोत्तर शामिल है। हालांकि, 31 दिसंबर, 2013 को सभी पांचों रीजनल ग्रिडों को आपस में जोड़ने वाली राष्ट्रव्यापी ग्रिड की स्थापना की गई। जिसका स्वामित्व पावर ग्रिड कारपोरेशन ऑफ इंडिया के पास है।
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बिजली की कीमत कौन वसूलता है?
बिजली वितरण कंपनी ग्रिड से बिजली खरीदकर ग्राहकों के घरों तक पहुंचाती है और उसका पैसा वसूलती है। बिजली उत्पादन क्षेत्र से बिजली को ग्रिड सब स्टेशन भेजा जाता है, जहां वोल्टेज बढ़ाकर मेन सब स्टेशन तक बिजली पहुंचाई जाती है और यहां पर वोल्टेज कम करके मध्यवर्ती सब स्टेशन भेजा जाता है, जहां से बिजली सिटी सब स्टेशन पहुंचती है और बिजली को 220 वोल्टेज तक घटाया जाता है। इसके बाद बिजली ग्राहकों को मिलती है।
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