कैसे चुना जाता है भारत का प्रधानमंत्री? क्या है प्रक्रिया, जानें सभी सवालों के जवाब
Lok Sabha Elections: भारत में प्रधानमंत्री पद के चयन की प्रक्रिया बेहद सरल है। लोकसभा चुनाव में मतदाता अपने पसंदीदा उम्मीदवार को वोट देते हैं। ऐसे में दल या फिर वह गठबंधन जिसे बहुमत हासिल होता है या फिर सर्वाधिक सीटें मिलती हैं उसे सरकार बनाने का मौका मिलता है।
प्रधानमंत्री बनने की प्रक्रिया?
Lok Sabha Elections: भारत में चुनावी मौसम चल रहा है और चार जून को चुनावी नतीजे सामने आ जाएंगे, लेकिन क्या आपको पता है कि देश का प्रधानमंत्री कैसे चुना जाता है। भारत एक लोकतांत्रिक देश है और लोकतंत्र में जनता ही जनार्दन होती है। वह अपने वोट की ताकत से उम्मीदवार का चयन करती है। लोकसभा चुनाव में जनता जिस पार्टी को बहुमत देती है या सर्वाधिक सीटें जिताती है उसी दल का नेता प्रधानमंत्री बनता है।
तो चलिए विस्तार से समझते हैं कि देश का प्रधानमंत्री कैसे चुना जाता है? हमारे देश की चुनाव प्रक्रिया कैसी है? यूं तो भारत की चुनाव प्रक्रिया जटिल नहीं है, लेकिन हम आपको बहुत ही साधारण तरीके से इसके बारे में बताएंगे।
वोट की ताकत से चुनी जाती है सरकार
जैसा की आपको पता है- भारत एक लोकतांत्रिक देश है और हर पांच साल में जनता सरकार का चयन करती है। हमारे देश में प्रधानमंत्री के लिए कोई प्रत्यक्ष चुनाव नहीं होता है, लेकिन जनता सांसदों का चयन करती हैं। देश में दो पार्टियों भाजपा और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला देखने को मिलता है, लेकिन इन पार्टियों के अलावा भी अन्य दल चुनावी मैदान में उतरते हैं और इस बार भी उतरे हैं।
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लोकसभा की कितनी सीटें हैं?
देश में लोकसभा की 543 सीटें हैं और अलग-अलग राज्यों में सीटों की संख्या भी अलग-अलग हैं। चुनाव में जनता उम्मीदवारों का चयन करती है। ऐसे में जिस पार्टी या गठबंधन के सर्वाधिक उम्मीदवार जीतते या जिन्हें बहुमत हासिल होता है उन्हें केंद्र में सरकार बनाने का न्योता मिलता है। सर्वाधिक सीटें हासिल करने वाली पार्टी या गठबंधन अपना एक नेता चुनती है जिन्हें प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई जाती है।
कैसे तय होता है बहुमत का आंकड़ा?
बहुमत का आंकड़ा बेहद आसान तरीके से तय होता है। दरअसल, जितनी सीटों पर चुनाव हो रहा है, उस संख्या को आधा कर दीजिए और उसमें एक जोड़ दीजिए। उदाहरण के लिए 543/2+1= 272.5 आया, लेकिन प्वाइंट में वैल्यू नहीं ली जाती है। ऐसे में बहुमत का आंकड़ा 273 माना जाएगा।
कौन बन सकता है प्रधानमंत्री?
- सर्वप्रथम उम्मीदवार को भारत का नागरिक होना चाहिए। इसके अलावा लोकसभा या राज्यसभा का सदस्य होना भी अनिवार्य है।
- प्रधानमंत्री बनने के लिए लोकसभा या फिर राज्यसभा का सदस्य होना जरूरी है। अगर आप लोकसभा सदस्य हैं और आपकी उम्र 25 साल से ज्यादा है या फिर राज्यसभा के सदस्य हैं और 30 साल से अधिक उम्र है तो प्रधानमंत्री बन सकते हैं।
- अगर कोई उम्मीदवार प्रधानमंत्री पद के लिए चुना जाता है तो उसे किसी भी निजी या सरकारी कंपनी में अपने सभी पदों का त्याग करना होगा।
- उम्मीदवार के खिलाफ कोई भी आपराधिक मामला नहीं होना चाहिए।
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PM पद की शपथ कौन दिलाता है?
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 75 में इस बात का उल्लेख है कि प्रधानमंत्री को शपथ दिलाने की जिम्मेदारी राष्ट्रपति की होती है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि राष्ट्रपति किसी भी व्यक्ति को प्रधानमंत्री बना सकते हैं। आपको बता दें कि लोकसभा में बहुमत हासिल करने वाली पार्टी या गठबंधन को राष्ट्रपति सरकार बनाने का न्योता देते हैं। इसके बाद उस दल का नेता प्रधानमंत्री पद की शपथ लेता है। प्रधानमंत्री ही लोकसभा में सदन के नेता होते हैं और सरकार चलाने का दायित्व भी प्रधानमंत्री के कंधों पर ही होता है।
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