Rain Gauge: बदरा कम बरसे या ज्यादा? कैसे मापी जाती है बारिश; जानें यह तरीका

Rain Gauge: दिल्ली सहित अन्य राज्यों में मानसूनी बारिश हो रही है। जमीनी इलाकों से लेकर पहाड़ी राज्यों का मौसम एकबार फिर से सुहाना हो गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि भीषण गर्मी के बाद अब अच्छी बारिश होगी, लेकिन इस बारिश को मापा कैसे जाता है। आज इस पर चर्चा करेंगे।

वर्षामापी यंत्र

मुख्य बातें
  • वर्षामापी यंत्र की मदद से बारिश की मात्रा का लगाया जाता है अनुमान।
  • बारिश को मापने को एक उपकरण है वर्षामापी यंत्र।
  • वर्षामापी यंत्र बारिश को मापने का एकमात्र उपकरण नहीं है।
Rain Gauge: दिल्ली सहित देशभर में मानसूनी बारिश हो रही है। राष्ट्रीय राजधानी के लोग तो लंबे समय से बारिश का इंतजार कर रहे थे, क्योंकि भीषण गर्मी और उमस ने जीना मुहाल कर दिया था, लेकिन अब मौसम सुहाना हो गया है। बदरा जमकर बरस रहे हैं। लंबे इंतजार के बाद हुई बारिश ने सुकून तो दिया है, पर बारिश कब तक और कितनी होगी? इस पर सभी की निगाह टिकी रहेंगी। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर बारिश को नापते कैसे हैं?

क्या है वर्षामापी यंत्र?

वर्षामापी यंत्र एक तरह का मौसम संबंधी उपकरण है, जिसकी मदद से बारिश को मापा जाता है। इसकी मदद से प्रति इकाई क्षेत्र में एक निश्चित समय में होने वाली बारिश को दर्शाता है। इस उपकरण के कंटेनर में मिलीमीटर या सेंटीमीटर में स्केल लगी होती है, जिससे बारिश की गहराई को मापा जाता है।
वर्षामापी यंत्र बारिश को नापने का एकमात्र तरीका नहीं है। इसके अलावा भी अन्य अत्याधुनिक तरीकों से बारिश को मापा जाता है, लेकिन आज भी वर्षामापी यंत्र का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है और यह एक पुराना और भरोसेमंद तरीका है। दरअसल, एक कांच की बोतल को लोह के बेलनाकार डिब्बे में रखा जाता है। इस कांच की बोतल के मुहाने में कीप को रखा जाता है।
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