हबल टेलीस्कोप ने मिल्की-वे के पार देखी नीले-गुलाबी धब्बों वाली गैलेक्सी; जानें कितनी दूर है स्थित और कैसे देखें
IC 1954 Galaxy: हबल स्पेस टेलीस्कोप ने द क्लॉक तारामंडल में स्थित एक अनोखी आकाशगंगा को कैप्चर किया। इसे दक्षिणी गोलार्ध से एक टेलीस्कोप की मदद से देखा जा सकता है। यह गैलेक्सी एलजीजी आकाशगंगा समूह का हिस्सा है जिसके पास एक चमकीली केंद्रीय पट्टी और दो सर्पिल भुजाएं हैं।
आईसी 1954 आकाशगंगा (फोटो साभार: NASAHubble)
- स्कॉटिश खगोलविद ने खोजी थी यह गैलेक्सी।
- धरती से लगभग 45 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर है स्थित।
- धूल के काले बादलों से घिरी हैं सर्पिल भुजाएं।
IC 1954 Galaxy: ब्रह्मांड की अलौकिक दुनिया के कई रहस्यों से हबल स्पेस टेलीस्कोप (Hubble Space Telescope) ने पर्दा उठाया है। हाल ही में हबल टेलीस्कोप ने एक ऐसी स्पाइरल गैलेक्सी को कैप्चर किया है, जो अंतरिक्ष में पेंडुलम की तरफ आगे-पीछे झूल रही है। इस गैलेक्सी में एक चमकीली केंद्रीय पट्टी और दो स्पाइरल आर्म्स यानी दो सर्पिल भुजाएं हैं।
क्या है गैलेक्सी का नाम?
हबल टेलीस्कोप ने आईसी 1954 आकाशगंगा की तस्वीर कैप्चर की है, जो पृथ्वी से लगभग 45 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर होरोलोजियम 'द क्लॉक' नामक तारामंडल में स्थित है। इस आकाशगंगा की सर्पिल भुजाएं धूल के काले बादलों से घिरी हैं और उसमें नीले और गुलाबी रंग के चमचमाते धब्बे नजर आ रहे हैं।
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स्पेस डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ESA) के अधिकारियों ने एक बयान में कहा कि तारा निर्माण वाले नेबुला को आकाशगंगा की डिस्क में कई चमकदार गुलाबी धब्बों में देखा जा सकता है। कुछ खगोलविदों का मानना है कि आकाशगंगा की पट्टी वास्तव में एक ऊर्जावान तारा निर्माण क्षेत्र है, जो संयोग से आकाशगंगा के केंद्र के ऊपर स्थित है।
आईसी 1954 की खोज कब हुई?
आईसी 1954 आकाशगंगा की खोज 1898 में स्कॉटिश खगोलविद रॉबर्ट इनेस ने की थी। दक्षिणी गोलार्ध से इस आकाशगंगा को टेलीस्कोप की मदद से देखा जा सकता है। आईसी 1954, एलजीजी आकाशगंगा समूह का हिस्सा है, जिसे आईसी 1954 समूह के नाम से भी जाना जाता है। इस आकाशगंगा समूह में चार अन्य आकाशगंगाएं भी शामिल हैं।
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हबल स्पेस टेलीस्कोप, जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप और चिली में ग्राउंड आधारित अटाकामा लार्ज मिलीमीटर/सबमिलीमीटर एरे से ब्रह्मांडीय दुनिया के रहस्यों को समझने की कोशिश की जा रही है। आईसी 1954 के अलावा तमाम टेलीस्कोप रेडियो, इन्फ्रारेड, ऑप्टिकल और पराबैंगनी प्रकाश में 50 से अधिक अन्य निकटवर्ती आकाशगंगाओं का संयुक्त रूप से सर्वेक्षण कर रही हैं। बयान के मुताबिक, टेलीस्कोप के संयुक्त प्रयासों से खगोलविदों को प्रत्येक आकाशगंगा में तारों और अंतरतारकीय गैस और धूल के माध्यम से पदार्थ के मार्ग को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलती है।
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