भारतीय रुपये के चिन्ह को किसने किया था डिजाइन? क्या है इसकी प्रक्रिया, बेहद रोचक है पूरी कहानी
भारतीय रुपये के प्रतीक में साल 2010 में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुआ था। एक प्रतियोगिता के जरिए भारत सरकार ने भारतीय रुपये के प्रतीक का डिजाइन चुना था। इस प्रतीक को बेहद सिम्पल, लेकिन यूनिक बनाया गया। 3,331 आवेदनों के बीच में एक डिजाइन ऐसी थी, जो देखते ही मंत्रमुग्ध कर गई और वित्त मंत्रालय ने उस डिजाइन को स्वीकार कर लिया।
भारतीय रुपये के चिन्ह की कहानी
कब बदला था रुपये का डिजाइन (₹)
भारतीय रुपये को लेकर साल 2010 में एक खास तरह का बदलाव किया गया था जिसे सहर्ष स्वीकार किया गया। दरअसल, हम बात कर रहे हैं भारतीय रुपये के प्रतीक या कहें डिजाइन की (Indian Rupee Symbol) । भारतीय रुपये के प्रतीक को बदलने के लिए एक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए 3000 से ज्यादा लोगों ने आवेदन दिया था, लेकिन इन तमाम लोगों में एक डिजाइन इतना ज्यादा रोचक था कि कैबिनेट ने उसे मंजूरी दे दी और वह हमारे जीवन का हिस्सा बन गया। दरअसल, इस प्रतियोगिता में वित्त मंत्रालय ने रुपये के नए चिन्ह के लिए लोगों को आमंत्रित किया था।किसने किया था डिजाइन?
भारतीय रुपये के प्रतीक को उदय कुमार धर्मलिंगम ने डिजाइन किया था। वित्त मंत्रालय ने 3,331 आवेदनों में से उदय कुमार धर्मलिंगम के डिजाइन को अपनाया था। यह एक गौरवान्वित पल था, जिसको लेकर वह बेहद उत्साहित थे। उनके द्वारा डिजाइन किए गए प्रतीक में देवनागरी का 'रा' और रोमन अक्षर के 'R' को एक साथ समायोजित करके तैयार किया गया। रुपये के डिजाइन को यूनिक बनाने के लिए उन्होंने 'रा' और 'R' को मिला दिया। जिसके बाद एक अलग ही डिजाइन निखरकर सामने आया। यह डिजाइन बेहद सिम्पल, लेकिन खास था, जिसे 3,331 लोगों में से चुना गया।रोचक बातें:
- रुपये का प्रतीक भारतीय ध्वज पर आधारित है। इस डिजाइन में दो धारियां दिखाई दे रही है और बीच का खाली स्पेस ध्वज के बीच वाले हिस्से यानी की सफेद रंग को दर्शाता है।
- भारतीय रुपये के प्रतीक को दूसरे देशों की करेंसी को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया था ताकि वह दूसरे देशों की करेंसी से अलग न दिखाई दें।
- भारतीय रुपये का प्रतीक '₹' न सिर्फ एक सिम्पल डिजाइन है, बल्कि देश की संस्कृति और मूल्यों का भी प्रतीक है।
कौन हैं उदय कुमार धर्मलिंगम?
उदय कुमार धर्मलिंगम को साल 2010 में ही उस वक्त पहचान मिल गई थी जब उन्होंने भारतीय रुपये के प्रतीक को डिजाइन किया था। उदय कुमार धर्मलिंगम का जन्म तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई के पास मारूर नामक स्थान पर हुआ था। हालांकि, उन्होंने पढ़ाई लिखाई चेन्नई में हुई। इसके बाद उन्होंने चेन्नई के ही अन्ना यूनिवर्सिटी से बैचलर डिग्री हासिल किया और फिर आईआईटी बॉम्बे से पोस्ट ग्रेजुएशन किया। 2010 में उनकी पीएचडी भी पूरी हो गई थी।टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। खबरों की पड़ताल करना इनकी आदतों में शुमार हैं और यह टाइम्स नाउ नवभारत की वेबसाइट क...और देखें
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