Eiffel Tower: किस धातु से तैयार किया गया था एफिल टॉवर? जानें इसके बारे में सबकुछ
Eiffel Tower Interesting Facts in hindi: दो साल, दो माह और पांच दिन में बनकर तैयार होने वाला एफिल टावर वास्तुकला का एक नायाब उदाहरण है। साल 1887 में एफिल टावर को बनाने का काम शुरू हुआ था और 31 मार्च, 1889 में यह बनकर तैयार हो गया था। शुरू में इसका रंग लाल होता था, लेकिन समय के साथ ही इसके रंग में भी परिवर्तन देखने को मिला है।
एफिल टॉवर के रोचक तथ्य
एफिल टॉवर की रोचक बातें (Interesting Facts about Eiffel Tower)
No | Interesting Facts about Eiffel Tower
एफिल टॉवर की खासियत
दो साल, दो माह और पांच दिन में बनकर तैयार होने वाला एफिल टॉवर वास्तुकला का एक नायाब उदाहरण है। साल 1887 में एफिल टॉवर को बनाने का काम शुरू हुआ था और 31 मार्च, 1889 में यह बनकर तैयार हो गया था। शुरू में इसका रंग भूरा होता था, लेकिन समय के साथ ही इसके रंग में भी परिवर्तन देखने को मिला है।
फ्रांसिसी क्रांति की शताब्दी के अवसर पर मेले का आयोजन किया जाना था। ऐसे में इस मेले के लिए एक भव्य प्रवेश द्वार बनाया जाना था। जिसकी कवायद साल 1886 में शुरू हुई। प्रवेश द्वार बनाने के लिए तो 'एक्सपोजिशन यूनिवर्सल' नामक कंपनी ने एक प्रतियोगिता का आयोजन कराया था। इस प्रतियोगिता में एक से बढ़कर एक डिजाइन पेश किए गए, लेकिन 107 डिजाइनों में से एक डिजाइन ऐसा था जिसको चुना गया और आज दुनियाभर से लोग उसे देखने आते हैं।
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एक्सपोजिशन यूनिवर्सल ने गुस्ताव एफिल के डिजाइन को चुना। इस डिजाइन को एक नायाब ढाचे में तब्दील करने के लिए दो साल, दो माह और पांच दिन तक लोगों ने अथक परिश्रम किया था। बता दें कि स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी के अंदरुनी हिस्से को भी गुस्ताव एफिल ने डिजाइन किया था। एफिल टॉवर मूल रूप से 300 मीटर ऊंचा है, लेकिन ऊपर लगे एंटीना को मिला दिया जाए तो ऊंचाई 334 मीटर बताई जाती है।
तीन मंजिला है एफिल टॉवर
पेरिस में बने एफिल टॉवर का इतिहास (Eiffel Tower History) बेहद रोचक है। तीन मंजिला एफिल टॉवर के ऊपरी माले में पहुंचने के लिए 1665 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती है।
- पहली मंजिल - पहली मंजिल की ऊंचाई जमीन से 58 मीटर है।
- दूसरी मंजिल - दूसरी मंजिल की ऊंचाई जमीन से 115 मीटर है।
- तीसरी मंजिल - तीसरी मंजिल की ऊंचाई जमीन से 275 मीटर है।
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एफिल टॉवर को 20 साल के लिए बनाया गया था, लेकिन 300 कारीगरों ने इसे इतनी सिद्दत से बनाया था कि 20 साल बाद भी इसमें कोई खामी नजर नहीं आई और यह तमाम परीक्षणों (Test) में खरा उतरा था। यही वजह है कि आज एफिल टॉवर एक मजबूत स्तंभ के तौर पेरिस की शान बढ़ा रहा है। वहीं, गुस्ताव एफिल ने इसमें रेडियो एंटीना और वायरलेस ट्रेलीग्राफ ट्रांसमीटर भी लगाया था, जो कारगर साबित हुआ।
एफिल टावर में किस धातु का किया गया इस्तेमाल?
फ्रांस की संस्कृति के प्रतीकों में से एक एफिल टॉवर लोहे से बनाया गया है। इसमें 18,038 लोहे के टुकड़े और 25 लाख कीलों का इस्तेमाल किया गया है।
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