ISRO-ESA का प्रोबा-3 मिशन क्या है? कब, कहां और कैसे देखें लाइव... यहां पर है हर सवाल का जवाब
Proba-3 Mission: प्रोबा-3 मिशन इसरो और ईएसए के बीच सहयोग में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होने के लिए तैयार है। 4 दिसंबर दिन बुधवार की शाम प्रोबा-3 मिशन की सतीश धवन अंतरिक्ष स्टेशन से लॉन्चिंग होने वाली है। प्रोबा-3 मिशन का उद्देश्य सटीक संरचना उड़ान का प्रदर्शन करना और सूर्य के बाहरी वायुमंडल का अध्ययन करना है।
प्रोबा-3 मिशन (फोटो साभार: ISRO)
Proba-3 Mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के एक वाणिज्यिक मिशन पर दुनियाभर की निगाह टिकी हुई हैं। दरअसल, इसरो की वाणिज्यिक शाखा न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड की नवीनतम मिशन के लिए तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और अब लॉन्चिंग का इंतजार है। हम बात कर रहे हैं इसरो और यूरोपीय स्पेस एजेंसी के मिशन प्रोबा-3 की। इस मिशन के तहत सूर्य का बारीकी से अध्ययन किया जाना है।
क्या है प्रोबा-3 मिशन और क्या है इसका उद्देश्य?
प्रोबा-3 मिशन का उद्देश्य सटीक संरचना उड़ान का प्रदर्शन करना और सूर्य के बाहरी वायुमंडल का अध्ययन करना है। इस मिशन में दो अंतरिक्ष यान (कोरोनाग्राफ और ऑकल्टर) शामिल हैं जिसे दुनिया की पहली पहल बताया जा रहा है, जिसमें दो अंतरिक्ष यान एक साथ उड़ान भर रहे हैं।
कब और कहां से होगी लॉन्चिंग
प्रोबा-3 की मिशन की लॉन्चिंग के लिए इसरो के वर्कहॉर्स 'ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान' (PSLV) के जरिए आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 4 दिसंबर को भारतीय समयानुसार शाम 4:06 बजे होगी।
यह भी पढ़ें: अंतरिक्ष क्षेत्र में स्टार्टअप की संख्या 250 के पार, इसरो चेयमैन ने कही यह बड़ी बात
अंतरिक्ष यान का वजन
प्रोबा-3 मिशन में शामिल दोनों अंतरिक्ष यानों का कुल वजन 550 किलोग्राम है जिनमें कोरोनाग्राफ का वजन लगभग 310 किलोग्राम और ऑकल्टर का वजन 240 किलोग्राम है। सितंबर 2023 में इसरो के पहले सूर्य मिशन आदित्य एल1 की लॉन्चिंग के बाद यह लॉन्च सूर्य पर वैज्ञानिक अध्ययन से जुड़ी अहम जानकारियां मुहैया कराएगा।
प्रोबा-3 मिशन दुनिया की दो प्रमुख अंतरिक्ष एजेंसियों ईएसए और इसरो के बीच सहयोग में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।
पीएसएलवी सी59 के प्रारंभिक कक्षीय स्थितियों तक पहुंचने के बाद दोनों अंतरिक्ष यान 150 मीटर की दूरी पर एक साथ उड़ान भरेंगे ताकि ऑकल्टर सूर्य की सौर डिस्क को अवरुद्ध कर दें जिससे कोरोग्राफ को वैज्ञानिक अवलोकन के लिए सूर्य के कोरोना या आसपास के वातावरण का अध्ययन करने में मदद मिल सकें।
यह भी पढ़ें: सूर्य की बारीकी से जांच करने वाला ESA का मिशन प्रोबा-3 लॉन्च करेगा ISRO, जानें 5 बड़ी बातें
यहां देखें लॉन्चिंग
दो सालों तक चलने वाले प्रोबा-3 मिशन की अनुमानित लागत लगभग 200 मिलियन यूरो है। इस मिशन की खास बात तो यह है कि इसके माध्यम से अंतरिक्ष में प्रिसिजन फॉर्मेशन फ्लाइंग को टेस्ट किया जा रहा है जिसके तहत दोनों अंतरिक्ष यान एक ही फिक्स कॉन्फिगरेशन को मेंटेन करेंगे। ऐसे में आप लोग भी इस लॉन्चिंग का मजा अपने घर पर बैठे हुए उठा सकते हैं। लॉन्चिंग देखने के लिए आपको बस इस लिंक पर क्लिक करने की जरूरत है- https://www.youtube.com/watch?v=PJXXLLw0PBI
गौरतलब है कि इसरो साल 2001 में प्रोबा-1 और 2009 में प्रोबा-2 मिशन को लॉन्च कर चुका है और अब बारी प्रोबा-3 मिशन की है। सूर्य से जुड़ा हुआ अहम अध्ययन महज सूर्य ग्रहण के दौरान ही संभव है तभी तो दो अंतरिक्ष यान स्पेस में अपनी ताकत दिखाएंगे। अगर सूर्य ग्रहण जैसी स्थितियां पैदा न होंगी तो सूर्य के कोरोना के कारण अंतरिक्ष मौसम की घटनाएं सैटेलाइट, पावर ग्रिड और जीपीएस जैसी चीजों को प्रभावित कर सकती हैं।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। नॉलेज (Knowledge News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।
टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। खबरों की पड़ताल करना इनकी आदतों में शुमार हैं और यह टाइम्स नाउ नवभारत की वेबसाइट क...और देखें
किसकी याद में 'गेटवे ऑफ इंडिया' का हुआ निर्माण? जानें इतिहास की रोचक बातें
पृथ्वी ने 2687 साल पहले झेला था 'विनाशकारी' सौर तूफान का कहर, हालिया रिसर्च में हुआ ये खुलासा
सीमा सुरक्षा बल की कब हुई थी स्थापना? जानिए एक दिसंबर की तारीख क्यों है खास?
2 साल बाद 'फायरबॉल' की क्यों हो रही चर्चा; खोज के कुछ घंटे बाद ही आसमान में दिखी हरे रंग की रोशनी
प्रियंका चोपड़ा ने किस सवाल का जवाब देकर जीता था मिस वर्ल्ड का खिताब, जानें
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited