डरना मना है! James Webb ने मंगल और बृहस्पति के बीच खोजे 100 से अधिक छोटे एस्टेरॉयड

Smallest Asteroid: खगोलविदों की एक टीम ने 100 से अधिक छोटे एस्टेरॉयड्स की खोज की है। खगोलविदों की यह खोज अंतरिक्ष में मौजूद सबसे शक्तिशाली और उन्नत जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) के डेटा की बदौलत मुमकिन हो पाई है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, खगोलविदों ने 138 छोटे एस्टेरॉयड की खोज की है, जिनकी चौड़ाई 10 मीटर से लेकर 100 मीटर तक तक बताई जा रही है।

asteroid belt

छोटे एस्टेरॉयड्स की हुई खोज

मुख्य बातें
  • खगोलविदों ने JWST के डेटा को खंगाला।
  • 138 छोटे एस्टेरॉयड की हुई खोज।
  • मंगल और बृहस्पति के बीच मुख्य बेल्ट में हैं एस्टेरॉयड।

Smallest Asteroid: एस्टेरॉयड, जिन्हें क्षुद्रग्रह भी कहा जाता है, का पृथ्वी आए दिन सामना करती रहती है। हाल ही में एक छोटे एस्टेरॉयड ने रूस के आसमान को रोशन किया था जिसे विस्फोट से कुछ घंटे पहले ही खोजा गया था। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) लगातार पृथ्वी के करीब आने वाली आसमानी वस्तुओं को ट्रेस और ट्रैक करती है। ऐसे में अंतरिक्ष में मौजूद सबसे शक्तिशाली और उन्नत जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) की बदौलत खगोलविदों की एक टीम को 100 से अधिक छोटे एस्टेरॉयड मिले हैं जिनमें अबतक का ज्ञात सबसे छोटा एस्टेरॉयड भी शामिल है, जो मंगल और बृहस्पति के बीच मुख्य बेल्ट में मौजूद हैं।

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छोटे एस्टेरॉयड वायुमंडल में हो जाते हैं दाखिल

स्पेसडॉटकॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, पृथ्वी से टकराने की सबसे अधिक संभावना वाले लगभग 10 मीटर चौड़े छोटे एस्टेरॉयड विशालकाय ग्रह को तबाह तो नहीं करेंगे, लेकिन किसी शहर या क्षेत्र पर कहर बरपाने के लिए पर्याप्त हैं। इन छोटे एस्टेरॉयड की संख्या बहुत अधिक है और वह बड़े एस्टेरॉयड की तुलना में पृथ्वी के वायुमंडल में दाखिल होने की क्षमता रखते हैं। साथ ही आकार छोटा होने की वजह से जब तक एस्टेरॉयड पृथ्वी के बहुत नजदीक नहीं आ जाते हैं तब तक खगोलविदों का उन्हें देख पाना भी मुश्किल हो सकता है।

दर्जनों छोटे एस्टेरॉयड की खोज करने वाले खगोलविदों में शामिल मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) के ग्रह वैज्ञानिक आर्टेम बर्दानोव ने कहा कि हम पृथ्वी के बहुत करीब होने पर 10 मीटर आकार वाले एस्टेरॉयड का पता लगाने में सक्षम हैं। बकौल रिपोर्ट, खगोलविदों ने 138 छोटे एस्टेरॉयड की खोज की है, जिनकी चौड़ाई 10 मीटर से लेकर 100 मीटर तक तक बताई जा रही है।

जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप के डेटा का आकलन करने वाली टीम में शामिल आर्टेम बर्दानोव ने कहा कि हमने सोचा था कि हम बस कुछ नई वस्तुओं का पता लगा पाएंगे, लेकिन हमने उम्मीद से कहीं ज्यादा वस्तुओं का पता लगाया।

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क्या होते हैं एस्टेरॉयड?

एस्टेरॉयड हमारे सौरमंडल के गठन के बाद बचे हुए अवशेष हैं, जो बिना वायुमंडल वाली अंतरिक्ष में तैर रही चट्टानें हैं, जिन्हें छोटे ग्रह के तौर पर देखा जाता है और यह अन्य ग्रहों की तरह सूर्य की परिक्रमा भी करती हैं। आए दिन एस्टेरॉयड पृथ्वी के करीब आते हैं। मंगल और बृहस्पति के बीच मौजूद एस्टेरॉयड बेल्ट से ज्यादातर एस्टेरॉयड आते हैं, जो चौंकाते रहते हैं।

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अनुराग गुप्ता author

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