'कुछ तो अजीब है...' James Webb ने देखी ऐसी अनोखी गैलेक्सी, जो अपने तारों से भी ज्यादा रोशन है

GS-NDG-9422 Galaxy: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने एक अजीबोगरीब आकाशगंगा को कैप्चर किया जिसको देखकर खगोलविद हैरान हैं और उसके डेटा का अध्ययन कर रहे हैं। दरअसल, ब्रह्मांड की गहराइयों में छिपी हुई GS-NDG-9422 आकाशगंगा अपने तारों से भी ज्यादा रोशन प्रतीत हो रही है।

GS-NDG-9422 Galaxy

GS-NDG-9422 आकाशगंगा (फोटो साभार: NASA)

मुख्य बातें
  • James Webb ने देखी GS-NDG-9422 गैलेक्सी।
  • बिग बैंग के लगभग एक अरब साल बाद अस्तित्व में आई।
  • नई खोज की ओर बढ़ रहे खगोलविद।
GS-NDG-9422 Galaxy: अनंत ब्रह्मांड के बारे में सबकुछ जान पाना मुमकिन नहीं है, लेकिन खगोलविद जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (James Webb Space Telescope) की मदद से थोड़ा बहुत जानने की कोशिशों में जुटे हुए हैं जिसकी बदौलत न सिर्फ खगोलविदों की, बल्कि अंतरिक्ष प्रेमियों की समझ भी ब्रह्मांड को लेकर बेहतर हो रही है। हाल ही में जेम्स वेब ने एक अजीबोगरीब ब्रह्मांडीय आकाशगंगा देखी, जो अपने तारों से भी ज्यादा चमक रही है।

अजीब आकाशगंगा देख वैज्ञानिक हैरान

बकौल नासा, जेम्स वेब से प्रारंभिक ब्रह्मांड में झांकने पर खगोलविद दंग रह गए, क्योंकि वहां पर जेम्स वेब को एक अजीबोगरीब आकाशगंगा दिखाई दी। GS-NDG-9422 नामक आकाशगंगा बिग बैंग के लगभग एक अरब साल बाद अस्तित्व में आई और ऐसा माना जा रहा है कि यह क्षेत्र ब्रह्मांड के शुरुआती तारों और सुरंचित आकाशगंगाओं के बीच गैलेक्सी के विकास की लुप्त कड़ी को जोड़ने में मदद कर सकता है।
ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक खगोलशास्त्री एलेक्स कैमरून ने कहा कि GS-NDG-9422 आकाशगंगा हमें यह समझने में मदद कर सकती है कि आखिर ब्रह्मांडीय कहानी शुरू कैसे हुई। आकाशगंगा के स्पेक्ट्रम को देखने के बाद मेरे ज़हन में पहला विचार आया कि यह बेहद अजीब है और यही वो बात है जिसे उजागर करने के लिए जेम्स वेब को डिजाइन किया गया था।

जेम्स वेब ने कैप्चर की आकाशगंगा की रोशनी

स्पेस डॉट काम की रिपोर्ट के मुताबिक, गर्म और विशाल तारों की वजह से गैस बादलों के कंप्यूटर मॉडल इस हद तक गर्म हो जाते हैं कि उनके तारे ब्रह्मांडीय जन्मस्थानों को पीछे छोड़ देते हैं और यह मॉडल वेब के अवलोकनों के समान नजर आ रहे हैं। नई खोजी गई आकाशगंगा एक स्टार बर्थ स्प्रिंट के बीच में प्रतीत हो रही है और इसके गैस और धूल के भंडार प्रकार के अनगिनत फोटॉनों से टकरा रहे हैं। यह वही प्रकाश है जिसे जेम्स वेब ने कैप्चर किया है।
एलेक्स कैमरून के सहयोगी हार्ले कैट्ज ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि इस आकाशगंगा के तारे स्थानीय ब्रह्मांड में जो हम देखते हैं उससे कहीं ज्यादा गर्म और विशाल हैं, क्योंकि प्रारंभिक ब्रह्मांड का वातावरण बेहद अलग था।

नई खोज में जुटे हैं शोधकर्ता

बकौल नासा, ब्रह्मांड में अमूमन गर्म, विशाल तारों का तापमान 40,000 से 50,000 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है, लेकिन GS-NDG-9422 आकाशगंगा में 80,000 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा गर्म तारे हैं। शोधकर्ताओं ने आशंका जताई कि आकाशगंगा घने गैस बादल के अंदर तीव्र तारा निर्माण के एक संक्षिप्त चरण के बीच में है, जो बड़ी संख्या में विशाल, गर्म तारों का निर्माण कर रहा है। गैस बादल पर तारों से प्रकाश के इतने अधिक फोटॉन पड़ रहे है कि यह बहुत ज्यादा दमक रहा है।
बकौल रिपोर्ट, यह तो साफ है कि GS-NDG-9422 आकाशगंगा के तारों अन्य तारों की तुलना में बेहद अलग हैं। ऐसे में यह समझना जरूरी है कि मौजूद समय में आकाशगंगाओं में यह स्थितियां नॉर्मल हैं या दुर्लभ? शोधकर्ताओं ने कहा कि हम अभी नई खोजों और समझ की शुरुआत में हैं।
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अनुराग गुप्ता author

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