NASA New Rogue Planets: सुदूर अंतरिक्ष में अकेले घूमने वाले छह विशालकाय दुष्ट ग्रहों की हुई खोज; NASA Webb ने विज्ञानियों को चौंकाया

NASA Six New Rogue Planets News Updates: ब्रह्मांड हमेशा खगोलविदों और अंतरिक्ष प्रेमियों को नए-नए अनुभव कराता है। हाल ही में जेम्स वेब ने ऐसे छह ग्रहों को खंगाला है, जो पूरी तरह से ब्रह्मांड में अकेले भ्रमण कर रहे हैं और इनका किसी तारे के साथ कोई संबंध नहीं है। दरअसल, यह छह 'दुष्ट' ग्रह पर्सियस आणविक बादल में देखे गए हैं।

Rogue Planets

'दुष्ट' ग्रह (फोटो साभार: NASAWebb)

मुख्य बातें
  • जेम्स वेब ने खोजे छह 'दुष्ट' ग्रह।
  • अंतरिक्ष में अकेले भ्रमण कर रहे ये ग्रह।
  • यह ग्रह किसी भी तारे से नहीं बंधे हैं।

NASA New Rogue Planets News Updates: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (James Webb Space Telescope) ने ब्रह्मांड में छह विशालकाय अजीबोगरीब ग्रहों की खोज की है। जिन्हें 'दुष्ट' ग्रहों (Rogue Planets) की संज्ञा दी जा रही है। अंतरिक्ष में भ्रमण करने वाले यह छह 'दुष्ट' ग्रह किसी तारे के साथ नहीं बंधे हैं। यह पूरी तरह से स्वतंत्र हैं।

अंतरिक्ष के किस छोर में हैं यह ग्रह?

डीप स्पेस में मौजूद तारों की नर्सरी यानी नेबुला में इन ग्रहों को देखा गया है। एनजीसी 1333 नामक नेबुला में छह 'दुष्ट' ग्रहों की खोज हुई। पृथ्वी से लगभग 960 प्रकाश वर्ष दूर पर्सियस आणविक बादल (Perseus Molecular Cloud) में यह ग्रह भ्रमण कर रहे हैं। इन दुष्ट ग्रहों (Rogue Planets) का द्रव्यमान जूपिटर यानी बृहस्पति के द्रव्यमान से 5 से 10 गुना ज्यादा है।

बकौल नासा, एनजीसी 1333 एक नजदीकी तारा निर्माण क्षेत्र है। जेम्स वेब की तेज नजर हमें धूल के कणों की संरचना के पास नवजात तारों, भूरे बौनों और ग्रहीय द्रव्यमान वाली वस्तुओं के भीतर झांकने की क्षमता रखती है। वैज्ञानिकों ने कहा कि ये अजीबोगरीब 'दुष्ट' ग्रह इस बात का सबूत हैं कि विशालकाय ग्रह भी तारों की तरह ही बन सकते हैं।

यह भी पढ़ें: कैसे बनती है पतली, मुड़ी हुई भुजाओं वाली 'रिंग आकाशगंगा'? NASA ने समझाई इस आकार की वजह

तारा निर्माण की प्रक्रिया

लाइव साइंस की रिपोर्ट के मुताबिक, जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी (Johns Hopkins University) के खगोल भौतिक विज्ञानी एडम लैंगवेल्ड (Adam Langeveld) ने एक बयान में कहा कि हम तारों के निर्माण प्रक्रिया की सीमाओं की जांच कर रहे हैं। मान लीजिए आपके पास नौजवान बृहस्पति जैसा दिखने वाला एक ऑब्जेक्ट है तो क्या यह संभव है कि सही परिस्थितियों में वह तारा बन सकता है? ऐसे में तारा और ग्रह निर्माण दोनों को समझने के लिए यह बेहद अहम है।

कैसे होता है ग्रहों का निर्माण?

अमूमन तारों के निर्माण में इस्तेमाल होने वाली बची हुई गैस और धूल से ग्रह बनते हैं और इसी प्रकार हमारे जैसे सौरमंडल (Solar System) का भी निर्माण होता है, लेकिन यह जरूरी नहीं है कि हर ग्रह इसी प्रक्रिया से बने। खगोलविदों का मानना है कि कभी-कभी विशालकाय ग्रह सीधे गैस के पतन से भी बन सकते हैं।

यह भी पढ़ें: क्या सबसे ज्यादा खतरनाक है बेन्नू? कब आएगा पृथ्वी के बेहद करीब; वैज्ञानिक हो रहे चिंतित!

क्या पहली बार खोजे गए स्वतंत्र ग्रह?

स्वतंत्र या आजाद ग्रह, ऐसे ग्रह होते हैं, जो किसी तारे से बंधे हुए नहीं होते हैं। जेम्स वेब ने इससे पहले भी ब्रह्मांड में अकेले भ्रमण करने वाले ग्रहों की तलाश की थी। सबसे बड़ी खोज साल 2023 में उस वक्त हुई थी जब जेम्स वेब ने ओरियन नेबुला में गैस दानव ग्रहों की 42 जोड़ियों को देखा था, जिन्हें JUMBOs के रूप में जाना जाता है।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | नॉलेज (knowledge News) और बजट 2024 (Union Budget 2024) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

लेटेस्ट न्यूज

अनुराग गुप्ता author

टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। खबरों की पड़ताल करना इनकी आदतों में शुमार हैं और यह टाइम्स नाउ नवभारत की वेबसाइट क...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited