अंधकारमय ब्रह्मांड में कहां से आई अनोखी रिंग, James Webb ने कैप्चर किया अद्भुत नजारा

Einstein Ring: ब्रह्मांड की गहराइयों में झांकने वाले जेम्स वेब टेलीस्कोप (James Webb Telescope) ने एक ऐसी तस्वीर जारी की जिसे देखकर अंतरिक्ष प्रेमी मंत्रमुग्ध हो गए। इस दुर्लभ ब्रह्मांडीय तस्वीर के चमकीले केंद्र में एक आकाशगंगा है, जबकि इसके चारों ओर फैला हुआ नारंगी और नीला रंगा इसके पीछे मौजूद एक अन्य आकाशगंगा से आने वाली रोशनी है।

Einstein rings

आइंस्टीन रिंग (फोटो साभार: NASAWebb)

Einstein Ring: अनंत ब्रह्मांड अनेकों रहस्यों से भरा हुआ है और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी 'नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन' (NASA) सहित दुनिया भर की अन्य स्पेस एजेंसियां बारीकी से ब्रह्मांड का अध्ययन कर रही हैं। खगोलविद लगातार नए-नए रहस्यों को सुलझाने में जुटे हुए हैं। इस बीच, ब्रह्मांड की गहराइयों में झांकने वाले जेम्स वेब टेलीस्कोप (James Webb Telescope) ने एक ऐसी तस्वीर जारी की जिसे देखकर अंतरिक्ष प्रेमी मंत्रमुग्ध हो गए।

तस्वीर में क्या कुछ है खास?

जेम्स वेब ने अंतरिक्ष में दिखाई देने वाली एक दुर्लभ ब्रह्मांडीय घटनाओं में से 'आइंस्टीन रिंग' को कैप्चर किया। आइंस्टीन रिंग, एक अजीब आकार की आकाशगंगा प्रतीत हो रही है, लेकिन तस्वीर को गौर से देखने पर आप पाएंगे कि आइंस्टीन रिंग कोई अगूंठी नहीं, बल्कि हाइड्रस तारामंडल में मौजूद दो आकाशगंगाएं हैं, जो एक-दूसरे से बहुत दूर है।

यह भी पढ़ें: रहस्यों का ऐसा संसार, जहां से आ रहे अजीबो गरीब सिग्नल; जिन्हें देख खगोलविद भी दंग! क्या एलियंस से है कोई संबंध

इस दुर्लभ ब्रह्मांडीय तस्वीर के चमकीले केंद्र में एक आकाशगंगा है, जबकि इसके चारों ओर फैला हुआ नारंगी और नीला रंगा इसके पीछे मौजूद एक अन्य आकाशगंगा से आने वाली रोशनी है। दूर की आकाशगंगा से आने वाली रोशनी एक वलय यानी एक रिंग जैसी दिखाई दे रही है और ऐसी दुर्लभ घटनाएं गुरुत्वाकर्षण लेंसिंग की वजह होती हैं।

आइंस्टीन रिंग के केंद्र में स्थित आकाशगंगा एक अंडाकार आकाशगंगा है, जबकि रिंग की आकृत्ति बनाने वाली दूरस्थ आकाशगंगा एक स्पाइरल आकाशगंगा है।

यह भी पढ़ें: 5 दिन में 5 विशालकाय चट्टान आ रही डराने; अलौकिक नजारे को देख खड़े हो जाएंगे कान, वैज्ञानिक चिंतित

कब होती है गुरुत्वाकर्षण लेंसिंग?

गुरुत्वाकर्षण लेंसिंग तब होती है जब किसी विशाल वस्तु का गुरुत्वाकर्षण (आकाशगंगा या ब्लैक होल) अधिक दूर की वस्तु से आने वाली रोशनी को मोड़ देता है। यह प्रभाव आइंस्टीन के सापेक्षता के सिद्धांत का सबसे शानदार उदाहरण है, जो कहता है कि द्रव्यमान अंतरिक्ष-समय के ताने-बाने को विकृत कर देता है, जिससे प्रकाश घुमावदार रास्तों का अनुसरण करता है।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। नॉलेज (Knowledge News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

अनुराग गुप्ता author

टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। खबरों की पड़ताल करना इनकी आदतों में शुमार हैं और यह टाइम्स नाउ नवभारत की वेबसाइट क...और देखें

End of Article

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited