Darbhanga: देश के रजवाड़ों में शीर्ष पर रहा दरभंगा, जानिए शहर का इतिहास
उत्तर बिहार में बसा दरभंगा रामायण काल से जुड़ा है। इस शहर पर पहले दरभंगा राज परिवार का शासन हुआ करता था, जिनके शासन में दरभंगा काफी आगे बढ़ा। दरभंगा का इतिहास काफी पुराना है। यहां आज भी ऐतिहासिक धरोहर मौजूद हैं। साथ ही इस शहर में काफी प्रसिद्ध श्यामा माई मंदिर भी है, जो दरभंगा के महाराजा रामेश्वर सिंह की चिता पर बना है।
दरभंगा।
Know About Darbhanga: उत्तर बिहार का प्रमुख शहर दरभंगा (Darbhanga) बागमती नदी के किनारे बसा हुआ है। दरभंगा को बिहार की सांस्कृतिक राजधानी भी कहा जाता है। साथ ही दरभंगा जिला मिथिला का केंद्र कहलाता है। इस शहर की कई खूबियां हैं। इस शहर की पहचान रामायण काल से होती आ रही है। इसके साथ ऐतिहासिक दृष्टिकोण से भी दरभंगा (Darbhanga) एक महत्वपूर्ण शहर रहा है। आजादी से पहले तक कई राजाओं ने इस शहर पर शासन किया और शहर को काफी ऊंचाई पर ले जाने का काम किया। दरभंगा में आज भी ऐतिहासिक धरोहर और इमारतें मौजूद हैं। हालांकि, वक्त के साथ दरभंगा ने काफी बदलाव देखा है। आइए दरभंगा शहर के बारे में जानते हैं।
दरभंगा राज का इतिहास
दरभंगा राज की स्थापना 16वीं सदी की शुरुआत में हुई थी। मैथिल ब्राह्मणों ने इसकी स्थापना की थी। उस वक्त भारत के रजवाड़ों में दरभंगा राज की गिनती होती थी। दरभंगा राज के संस्थापक राजा महेश ठाकुर (Mahesh Thakur) थे और दरभंगा के अंतिम शासक कामेश्वर सिंह हुए, जिन्हें महाराजाधिराज की उपाधि मिली थी। महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह के शासन में दरभंगा काफी फला-फूला। दरभंगा में उद्योग-धंधे, चीनी मिल, कागज मिल सहित अन्य कई व्यवसाय के स्रोत विकसित हुए। दरभंगा राज ने हमेशा से शिक्षा को काफी महत्व दिया।
कब हुई थी दरभंगा की स्थापना?
वक्त के साथ हुए बदलाव में अब दरभंगा जिला (Darbhanga) भी काफी बदल चुका है। जिले की स्थापना एक जनवरी 1875 को हुई थी और करीब 2300 वर्ग किलोमीटर की क्षेत्र में फैले दरभंगा की आबादी 40 लाख के आस-पास हैं। इनमें 21 लाख पुरुष व करीब 19 लाख महिलाओं की संख्या है। यहां की प्रमुख भाषा मैथिली है, जो पूरे क्षेत्र में बोली जाती है। इसके अलावा लोग हिंदी भी बोलते हैं। यहां की मैथिली भाषा पूरे देश में प्रसिद्ध है, जो काफी मीठी भाषा है। साथ ही मैथिली भाषा को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में भी शामिल किया गया है।
Darbhanga university
दरभंगा की पहचान में शुमार हैं ये वस्तुएं
आज के समय में दरभंगा की पहचान कई चीजों से होती है। दरभंगा में आपको मछली और मखान के व्यवसाय काफी ज्यादा दिखेंगे। इसके अलावा यहां की मिथिला पेंटिंग पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। साथ ही यहां पर सिक्की घास से बनी हुई वस्तुएं भी मिलती हैं। दरभंगा को उत्तर बिहार का मेडिकल हब माना जाता है। यहां दरभंगा मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल मौजूद हैं। इसके अलावा यहां बिहार का दूसरा एम्स भी प्रस्तावित है। साथ ही कई बड़े-बड़े प्राइवेट अस्पताल बने हुए हैं, जो इसे मेडिकल का हब बनाता है।
एक ही कैंपस में दो-दो विश्वविद्यालय
चिकित्सा के अलावा शिक्षा के क्षेत्र में भी दरभंगा का महत्वपूर्ण स्थान है। दरभंगा से कई विद्धान निकले हैं, जिन्होंने देश-दुनिया में परचम लहराया है। दरभंगा में एक ही कैंपस में दो-दो विश्वविद्यालय मौजूद हैं। दरभंगा में एक ही कैंपस में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय और कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय दरभंगा स्थापित हैं। इसके अलावा यहां मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय स्थित है। इसके अलावा कई अन्य शिक्षण संस्थानें भी मौजूद हैं।
पर्यटन की दृष्टि से दरभंगा में कई चीजें मौजूद हैं, जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
दरभंगा के प्रमुख स्थल:
- दरभंगा किला - दरभंगा किला की दीवारें दिल्ली के लाल किला की दीवार से करीब चार फीट ऊंची हैं।
- चंद्रधारी संग्रहालय- चंद्रधारी संग्रहालय में दरभंगा राज की वस्तुएं रखी गई हैं।
- महाराजाधिराज लक्ष्मीश्वर सिंह संग्रहालय- महाराजाधिराज लक्ष्मीश्वर सिंह संग्रहालय में ऐतिहासिक धरोहरों को संजोया गया है।
- श्यामा माई मंदिर- श्यामा माई मंदिर महाराजा रामेश्वर सिंह की चिता पर बनाया गया है।
- नरगौना पैलेस- नरगौना पैलेस भारत का पहला भूकंप रोधी मकान है।
- आनंद बाग पैलेस- आनंद बाग पैलेस दरभंगा राज का महल था, जहां आज विश्वविद्यालय मौजूद है।
- राज दरभंगा- राज दरभंगा में आज भी कई पुरानी इमारतें मौजूद हैं।
- दरभंगा तारामंडल- दरभंगा तारामंडल बिहार का दूसरा तारामंडल-सह-विज्ञान संग्रहालय है।
- अहिल्या स्थान- अहिल्या स्थान वही जगह है, जहां भगवान राम ने देवी अहिल्या का उद्धार किया था।
- कुशेश्वरस्थान महादेव मंदिर- कुशेश्वरस्थान में शिवलिंग मौजूद हैं। माना जाता है कि भगवान राम के बेटे कुश ने इसकी स्थापना की थी।
देश के प्रमुख शहरों से जुड़ा है दरभंगा
दरभंगा भारत के सभी प्रमुख शहरों को रेल मार्ग और वायु मार्ग से जोड़ता है। यहां से कई राज्यों के लिए डायरेक्ट ट्रेन उपलब्ध है। साथ ही यहां एयरपोर्ट की सुविधा भी है, जहां से दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद, मुंबई, कोलकाता, अयोध्या जैसी शहरों के लिए फ्लाइट सेवा मौजूद हैं।
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देवशंकर चौधरी मार्च 2024 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं और बतौर कॉपी एडिटर...और देखें
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