सड़क किनारे लगे मील के पत्थर के रंग क्यों होते हैं अलग-अलग, क्या है इसके पीछे का राज?

सड़क किनारे दिखाई देने वाले माइलस्टोन यानी मील के पत्थरों की कहानी बेहद दिलचस्प है। अगर आपने ध्यान से सड़क किनारे लगे मील के पत्थरों को देखा है तो आप पाएंगे कि पत्थरों के ऊपरी हिस्से का रंग अलग-अलग होता है। कुछ पीले तो कुछ नीले रंग के दिखाई देंगे। इसके अलावा भी कई अन्य रंगों के माइलस्टोन होते हैं।

मील के पत्थर की कहानी

Story of Milestone: सड़क पर चलते वक्त हमें अक्सर मील के पत्थर (Milestone) दिखाई देते हैं, जिसमें लिखा होता है कि फला स्थान की दूरी फला किमी है। यह तो आप लोगों ने जरूर देखा होगा, लेकिन जिस मील के पत्थर में यह लिखा होता है वो कई रंग के हो सकते हैं। आप लोग दिन में या फिर सप्ताह में कम से कम एक बार इन मील के पत्थरों को जरूर देखते होंगे, पर इस ओर आपका ध्यान नहीं गया होगा कि मील के पत्थर का रंग क्या है और अगर आपने मील के पत्थर के रंग पर गौर किया है तो आपने पाया होगा कि किसी में पीला तो किसी में हरा रंग दिखाई देता है। मील के पत्थर का हर रंग कुछ-न-कुछ कहता है। ऐसे में आज हम मील के पत्थर की कहानी विस्तार से आपको समझाएंगे।
मील के पत्थर का काम आने वाले सड़क पर चल रहे लोगों को आने वाले शहर की दूरी बताना है और इन पत्थरों के रंग की कहानी बेहद दिलचस्प है, क्योंकि मील के पत्थर में पीला, हरा, काला, नीला, सफेद और नारंगी रंग दिखाई देता है।
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