बांग्लादेश के लिए नया नहीं है तख्तापलट का इतिहास, जानिए कब-कब लागू हुआ सैन्य शासन

Bangladesh Coup: बांग्लादेश का एक बार फिर से उसके अतीत से सामना हुआ। बीते दिनों पड़ोसी देश में आरक्षण विरोधी प्रदर्शनों के चलते तख्तापलट हुआ और शेख हसीना को इसकी भनक तक नहीं लगी। प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के तत्काल बाद उन्हें बांग्लादेश छोड़ना पड़ा। उनके पास इतना भी समय नहीं था कि वह राष्ट्र को एक बार संबोधित कर पातीं।

शेख हसीना

मुख्य बातें
  • बांग्लादेश की स्थिति पर भारत की नजर।
  • भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा का हाई अलर्ट।
  • ढाका के लिए एयर इंडिया ने रद्द की उड़ानें।
Bangladesh Coup: पड़ोसी देश बांग्लादेश का एक बार फिर अपने अतीत से सामना हुआ है। महीनों से चल रहा आरक्षण विरोधी प्रदर्शन सोमवार को हिंसक हो गया। हिंसक माहौल के बीच शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर अपना देश छोड़ना पड़ा। ढाका से सैन्य हेलीकॉप्टर में निकलीं शेख हसीना हिंडन एयरपोर्ट पहुंची, जहां पर उन्होंने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजिल डोवाल से मुलाकात की।

बांग्लादेश में तख्तापलट

यूं तो बांग्लादेश में पहली बार तख्तापलट नहीं हुआ है, इससे पहले भी पड़ोसी देश में कई बार राजनीति का खूनी खेल देखा है। हालांकि, आखिरी बार साल 2008 में शेख हसीना की पार्टी ने चुनावों में शानदार जीत दर्ज की और तब से लेकर अबतक उन्होंने प्रधानमंत्री पद के दायित्वों का निर्वहन किया। हालांकि, शेख हसीना को इस बार सैन्य तख्तापलट की भनक तक नहीं लगी और देश को संबोधित तक करने का समय नहीं मिला।
शेख हसीना के देश छोड़ने की खबरों के साथ ही प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री आवास में धावा बोला और लूटपाट के साथ जमकर तोड़फोड़ की। बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के स्टैच्यू पर हथौड़े चलाए गए और उसे तोड़ने की कोशिश की गई।
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