बर्बाद न करें पानी, किल्लत से मचा हाहाकार; जानिए देश में क्यों गहरा रहा जल संकट?
Water Crisis: भीषण गर्मी के बीच जल संकट से राष्ट्रीय राजधानी में हाहाकार मचा हुआ है। जला देने वाली गर्मी में पानी का संकट परेशान कर देने वाला है तो चलिए समझते हैं कि आखिर देश में जल संकट क्यों गहराता जा रहा है। पानी की इतनी ज्यादा किल्लत है कि मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया।
जल संकट
Water Crisis: भीषण गर्मी के बीच जल संकट से राष्ट्रीय राजधानी में हाहाकार मचा हुआ है। पानी की इतनी ज्यादा किल्लत है कि मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। कोर्ट ने पानी की बर्बादी और टैंकर माफिया को न रोकने के लिए दिल्ली सरकार को जमकर फटकार लगाई। साथ ही पूछा कि आखिर आपने पानी की बर्बादी को रोकने के लिए क्या कदम उठाए हैं। तो चलिए समझते हैं कि आखिर पानी की किल्लत क्यों होती है? जल संकट की असल वजह क्या है?
पानी की किल्लत आखिर क्यों होती है?
गहराते हुए जल संकट के लिए जलवायु परिवर्तन भी जिम्मेदार है। जलवायु परिवर्तन की वजह से तापमान में बढ़ोतरी हो रही है। जिसकी वजह से तेजी से बर्फ पिघल रही है और सतह सूख रही है। तभी तो पानी की किल्लत और सूखा ही समस्याएं बढ़ रही हैं। इसके अलावा कृषि क्षेत्रों में पानी की बढ़ती मांग भी एक वजह हो सकती है।
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फसलों की सिंचाई के लिए भूजल का अत्यधिक दोहन हुआ था जिसकी वजह से पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में भूजल के स्तर में गिरावट दर्ज की गई है। नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, गेहूं के उत्पादन वाला 74 फीसदी और चावल की खेती वाला लगभग 65 फीसदी इलाका जल संकट का सामना कर रहा है।
पानी की बर्बादी
गहराते हुए जल संकट के लिए पानी की बर्बादी भी जिम्मेदार है। देश में जल अवसंरचना का रखरखाव सही ढंग से नहीं हो रहा है। ऊपर से जल प्रणालियां भी पुरानी हो चुकी हैं, जिसकी वजह से पानी की बर्बादी हो रही है। महज मुंबई में रोजाना लगभग 700 मिलियन लीटर रिसाव की वजह से पानी बर्बाद होता है।
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जल संसाधनों में बढ़ रहा दबाव
आबादी और शहरीकरण की वजह से भी जल संसाधनों में दबाव बढ़ रहा है। दरअसल, बढ़ती हुई आबादी की वजह से पानी की मांग में इजाफा हुआ है। वहीं, तेजी से हो रहे शहरीकरण के चलते पानी की मांग तो बढ़ी ही है, साथ ही जल प्रदूषण में भी इजाफा हुआ है।
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