वोटिंग और काउंटिंग खत्म, अब EVM मशीनों का क्या होगा? जानें इससे जुड़ी बड़ी बातें

Lok Sabha Elections: ईवीएम देश में चुनाव प्रक्रिया के अहम अंगों में से एक है। मतदाता ईवीएम के जरिए अपने मताधिकार का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में वोटिंग से लेकर काउंटिंग तक की प्रक्रिया संपन्न हो चुकी है तो क्या ईवीएम का काम खत्म हो गया? तो जवाब है- नहीं। अभी ईवीएम का काम खत्म नहीं हुआ।

EVM_Machine

ईवीएम मशीन कहां रहेगी अब?

Lok Sabha Elections: लोकसभा चुनाव के रिजल्ट सामने आ चुके हैं और इसी के साथ इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) का काम भी संपन्न हो गया। ऐसे में अब ईवीएम का क्या होगा? इसे कहां रखा जाएगा? और अगर कोई उम्मीदवार रिकाउंटिंग की मांग करे तो ईवीएम में अभी भी वोट मौजूद होंगे? ऐसे कई सवाल जरूर आप लोगों के ज़हन में घूम रहे होंगे तो चलिए विस्तार से इसके बारे में समझते हैं।

चुनाव परिणाम घोषित

ईवीएम देश में चुनाव प्रक्रिया के अहम अंगों में से एक है। मतदाता ईवीएम के जरिए अपने मताधिकार का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में वोटिंग से लेकर काउंटिंग तक की प्रक्रिया संपन्न हो चुकी है तो क्या ईवीएम का काम खत्म हो गया? तो जवाब है- नहीं। अभी ईवीएम का काम खत्म नहीं हुआ। अगर किसी ने रिकाउंटिंग की अपील की तो फिर से ईवीएम खुल सकती हैं।

काउंटिंग के बाद EVM मशीन का क्या होता है?

वोटिंग के बाद ईवीएम को सीलबंद कर स्ट्रांग रूम में कड़ी सुरक्षा के बीच रखा जाता है और काउंटिंग तक यह स्ट्रांग रूम में ही सुरक्षित रहती है और काउंटिंग खत्म होने के बाद भी ईवीएम मशीन को एक बार फिर से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच स्ट्रांग रूम में रखा जाता है।

स्ट्रांग रूम क्या होता है? (What is Strong Room)

स्ट्रांग रूम वह कमरा होता है जहां पर वोटिंग के बाद ईवीएम और वीवीपैट को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रखा जाता है। इस कमरे की 24 घंटे निगरानी भी की जाती है। स्ट्रांग रूम को किसी सरकारी कॉलेज के भीतर बनाया जाता है और इस बात का ध्यान रखा जाता है कि कमरे की दीवार में किसी तरह का सुराग न हो और न ही दीवार क्षतिग्रस्त हो। स्ट्रांग रूम में ईवीएम रखने के बाद ताला लगा दिया जाता है और काउंटिंग वाले दिन चुनाव आयोग के पर्यवेक्षक और रिटर्निंग अधिकारी की मौजूदगी में ताला खोला जाता है। इन तमामों चीजों की वीडियो रिकॉर्डिंग भी होती है।

स्ट्रांग रूम में कब तक रहेगी EVM?

स्ट्रांग रूम में ईवीएम व वीवीपैट सीलबंद कर 45 दिनों तक सुरक्षित रखे जाते हैं। ऐसे में अगर कोई उम्मीदवार 45 दिनों तक चुनाव को लेकर अदालत में कोई दावा नहीं करता है तो ईवीएम को वापस भेज दिया जाता है। वहीं, ईवीएम में डेटा तब तक सुरक्षित रहता है जब तक उसे डिलीट नहीं किया जाए।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | नॉलेज (knowledge News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

लेटेस्ट न्यूज

अनुराग गुप्ता author

टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। खबरों की पड़ताल करना इनकी आदतों में शुमार हैं और यह टाइम्स नाउ नवभारत की वेबसाइट क...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited