यात्रा भत्ता से लेकर टेलीफोन तक मिलती हैं ये सुविधाएं, जान लें सांसद को कितना मिलता है वेतन?

Member of Parliament's Salary: क्या आपको पता है कि एक सांसद को क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं और अगर वह रिटायर हो जाए तो फिर क्या होता है? एक संसद सदस्य (वेतन, भर्ता और पेंशन) अधिनियम 1954 के तहत वेतन और अन्य सुविधाएं का हकदार होता है। साथ ही सांसद को मेडिकल सुविधा से लेकर अन्य प्रकार की तमाम सुविधाएं मिलती हैं।

MPs Salary

सांसद का वेतन

मुख्य बातें
  • सांसदों को हर महीने एक लाख रुपये वेतन मिलता है।
  • वेतन के अलावा सांसदों को भत्ता और अन्य सुविधाएं भी मिलती हैं।
  • सांसदों के वेतन पर टैक्स भी लगता है।
Member of Parliament's Salary: अठारहवीं लोकसभा के पहले सत्र की शुरुआत हो चुकी है। इसी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उनकी मंत्रिपरिषद के सदस्यों के साथ ही अन्य नवनिर्वाचित सदस्यों ने शपथ ली। बता दें कि लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने सदन की कार्यवाही शुरू कराई और सदस्यों को शपथ दिलाई। 24 जून से शुरू हुआ संसद सत्र 3 जुलाई तक चलने वाला है। इस बार सदन में विपक्ष की खूब आवाज सुनाई देगी, क्योंकि सदन में विपक्ष की तादाद भी अच्छी खासी है।
ऐसे में लोगों को जिज्ञासा होती है कि आखिर सांसदों को क्या-क्या सुविधाएं मिलती है? साथ ही उनका वेतन कितना होता है? और क्या वह भी टैक्स भरते हैं? इत्यादि

सांसदों को कितनी सैलरी मिलती है?

सदन की कार्यवाही शुरू हो चुकी है और बुधवार को स्पीकर पद का चुनाव होने वाला है। ऐसे में हम आपको बता दें कि संसद सत्र में हिस्सा लेने के लिए भी सांसदों को दैनिक भत्ता मिलता है। संसद सदस्य (वेतन, भर्ता और पेंशन) अधिनियम 1954 के तहत सांसदों को वेतन और अन्य सुविधाएं मिलती हैं। महज सैलरी की बात की जाए तो सांसदों को प्रतिमाह एक लाख रुपये मिलते हैं। इसके अलावा विभिन्न प्रकार के भत्ता और सुविधाएं भी मिलती हैं।

सैलरी में बढ़ोतरी का प्रावधान

आपको बता दें कि हर पांच साल के बाद सांसदों की सैलरी और दैनिक भत्ते में इजाफा हो सकता है। एक अप्रैल, 2023 से लागू नए नियम के मुताबिक, सांसदों की सैलरी और दैनिक भत्ते में हर पांच साल बाद बढ़ोतरी का प्रावधान है। सांसदों को कार्यालय खर्च और निर्वाचन क्षेत्र भत्ता भी मिलता है। इसके अलावा टेलीफोन, इंटरनेट और चिकित्सा सुविधाएं भी मुहैया कराई जाती हैं। अगर किसी सांसद को इलाज के लिए प्राइवेट में रेफर किया जाता है तो उसका पूरा खर्च सरकार वहन करती है।

सड़क मार्ग से चलने पर मिलता है भत्ता

सांसदों को सड़क मार्ग से यात्रा करने पर भी भत्ता मिलता है। ऐसे में सांसद 16 रुपये प्रति किमी की दर से यात्रा भत्ता के हकदार हैं। सांसदों को निर्वाचन क्षेत्र भत्ते के तौर पर 70,000 रुपये और कार्यालय खर्च के लिए 60,000 रुपये प्रतिमाह मिलते हैं। इसके अलावा सांसदों को एक आवास, सुरक्षाकर्मी और केयरटेकर की सुविधा भी मिलती है। इसके अलावा रिटायर होने पर पेंशन भी मिलती है।

क्या सांसदों को देना पड़ता है टैक्स?

जी, हां। सांसदों को अपने वेतन पर टैक्स भरना पड़ता है। सांसद ही क्या राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति भी वेतन पर टैक्स को भरते हैं। हालांकि, वेतन के अलावा मिलने वाले सरकारी भत्ते पर टैक्स नहीं लगता है। आसान भाषा में समझें तो सांसदों को प्रतिमाह एक लाख रुपये वेतन मिलता है। ऐसे में सालाना उन्हें 12 लाख रुपये वेतन प्राप्त होता है और इसी वेतन पर उन्हें टैक्स भरना पड़ता है।

ट्रेन में फ्री यात्रा की सुविधा

एक सांसद को ट्रेन में मुफ्त यात्रा की सुविधा भी मिलती है। इसके लिए बकायदा उन्हें एक पास मिलता है। जिसकी बदौलत एक सांसद फर्स्ट एसी या एग्जिक्यूटिव श्रेणी में मुफ्त में यात्रा कर सकते हैं।
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अनुराग गुप्ता author

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