ब्रिटिश या अमेरिकी...माउंटबेटन को आखिर किस खुफिया एजेंसी ने मरवाया? जहाज में कुछ यूं हुई थी मौत

Lord Mountbatten: भारत के अंतिम वायसराय लॉर्ड लुईस माउंटबेटन कई ऐतिहासिक घटनाओं के गवाह रहे हैं। हालांकि, उनकी मौत किसी रहस्य से कम नहीं है। अपने करियर में लंबे समय तक पानी में तैरते जहाजों के बीच रहने वाले माउंटबेटन की मौत भी जहाज में ही हुई थी और इसको लेकर कई थ्योरी सामने आ चुकी हैं।

लॉर्ड माउंटबेटन (फाइल फोटो)

मुख्य बातें
  • आज तक नहीं सुलझा माउंटबेटन की मौत का रहस्य।
  • कई ऐतिहासिक घटनाओं के रहे थे गवाह।
  • भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के पीछे माना जाता है अहम।

Lord Mountbatten: एक नौसैनिक जिसने अपने करियर का लंबा वक्त पानी के बीच तैरते जहाजों पर गुजारा। संयोग देखिए कि जब उसने दुनिया को अलविदा कहा तब भी वो पानी के बीच था। नाम है लॉर्ड लुईस माउंटबेटन। भारत के अंतिम वायसराय, जो 20 सदी में हुए कई बड़े बदलावों और घटनाओं के अहम गवाह ही नहीं कारण भी थे।

मौत की क्या थी वजह?

लॉर्ड माउंटबेटन को भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के पीछे की अहम वजह माना जाता है। जिस शख्स ने दो देशों के बीच लकीर खींची उसकी मौत भी सवालिया निशान के साथ खत्म हुई। मौत की वजह क्लियर नहीं हुई। अहम बात ये कि माउंटबेटन की हत्या के पीछे किसी भारतीय या फिर पाकिस्तानी का हाथ नहीं था, बल्कि आयरिश रिपब्लिकन आर्मी के उग्रवादियों ने 27 अगस्त, 1979 को माउंटबेटन को मौत की नींद सुला दिया। भारत ने सम्मान में 7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया था।

क्या था माउंटबेटन का पूरा नाम?

25 जून, 1900 में इंग्लैंड के विंडसर में लुईस फ्रांसिस अल्बर्ट विक्टर निकोलस का जन्म हुआ था। जिसे आज पूरी दुनिया लॉर्ड माउंटबेटन के नाम से जानती है। वह नौसेना के एक उच्च अधिकारी होने के साथ-साथ ब्रिटिश राजघराने से ताल्लकु रखते थे। शुरुआती पढ़ाई- लिखाई घर पर हुई थी। साल 1914 में वो डार्टमाउथ के रॉयल नेवल कॉलेज पहुंचे। 1916 में वो ब्रिटेन की रॉयल नेवी में शामिल हुए और पहले विश्व युद्ध के दौरान उनकी तैनाती समुद्र में हुई।

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