6500 प्रकाश वर्ष दूर दमक रहा मरते हुए तारे का अवशेष! Hubble ने NGC 6210 का कैप्चर किया दुर्लभ नजारा
NGC 6210: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने हबल द्वारा कैप्चर किए गए एक दमदार नेबुला का दुर्लभ नजारा पेश किया। इस तस्वीर में दिखने वाला नेबुला हमारे सूर्य के थोड़े कम द्रव्यमान वाले एक तारे के जीवन के अंतिम चरण की झलक पेश करता है। खगोलविदों का मानना है कि हमारा सूर्य भी लगभग पांच अरब साल में अपने आखिरी पड़ाव पर हो सकता है।
एनजीसी 6210 (फोटो साभार: NASAHubble)
- हरक्यूलिस तारामंडल में स्थित है एनजीसी 6210।
- एनजीसी 6210 की पृथ्वी से दूरी 6500 प्रकाश वर्ष है।
- मरते हुए तारे के अवशेष से बना है एनजीसी 6210।
NGC 6210: ब्रह्मांड में असंख्य रहस्य छिपे हुए हैं और खगोलविद इन रहस्यों को जानने की कोशिश में जुटे हुए हैं। इसके बावजूद अबतक ब्रह्मांड की तुलना में धूल के एक कण जितनी जानकारी भी हासिल नहीं कर पाए, लेकिन फिर भी यह बहुत ज्यादा है और हो भी क्यों न, लगातार ब्रह्मांड को जो विस्तार हो रहा है। इसी कड़ी में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने एनजीसी 6210 नामक एक नेबुला की तस्वीर साझा की, जो मरते हुए तारे के अवशेष से बना है।
कहां है एनजीसी 6210 नेबुला?
एनजीसी 6210 नेबुला पृथ्वी से लगभग 6500 प्रकाश वर्ष दूर हरक्यूलिस तारामंडल में स्थित है। बकौल नासा, एनजीसी 6210 हमारे सूर्य के थोड़े कम द्रव्यमान वाले एक तारे के जीवन के अंतिम चरण की झलक पेश करता है। खगोलविदों का अनुमान है कि हमारा अपना सूर्य भी लगभग पांच अरब सालों में इसी तरह की स्थिति में पहुंच जाएगा।
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एनजीसी 6210 की खोज किसने की थी?
एनजीसी 6210 की खोज साल 1825 में जर्मन खगोलविद फ्रेडरिक जॉर्ज विल्हेम स्टुवे ने की थी, लेकिन जब उन्होंने इसे एक छोटे टेलीस्कोप की मदद से देखा था तो यह एक छोटी सी डिस्क जैसी प्रतीत हो रही थी।
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कब मरता है तारा?
बता दें कि किसी का तारे का जीवन तब समाप्त होता है जब उसके थर्मोन्यूक्लियर इंजन के लिए उपलब्ध ईंधन समाप्त हो जाता है। सूर्य जैसे तारे का अनुमानित जीवनकाल लगभग दस अरब साल होता है। ऐसे में जब तारा समाप्त होने वाला होता है तो वह अस्थिर हो जाता है और उसकी परतों या कहें उसके अवशेषों से एक नेबुला का जन्म होता है, लेकिन एक बेहद गर्म अवशेष रह जाता है जिसे हम सफेद बौने के तौर पर जानते हैं।
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