दो आकाशगंगाओं के विलय को देख फटी रह गईं वैज्ञानिकों की आंखें; गैलेक्सी की चमक का भी खुला रहस्य

Arp 107: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के जेम्स वेब टेलीस्कोप ने सुदूर अंतरिक्ष में दो आकाशगंगाओं के विलय का अद्भुत नजारा कैप्चर किया। इस तस्वीर में देखा जा सकता है कि कैसे एक अंडाकार आकाशगंगा की दूसरी स्पाइरल आकाशगंगा के साथ टक्कर होती है। हालांकि, बड़ी स्पाइरल गैलेक्सी का केंद्र तीव्र प्रकाश की वजह से चमकीला प्रतीत हो रहा है।

Arp_107

अर्प-107 (फोटो साभार: NASA)

मुख्य बातें
  • जेम्स वेब कैप्चर किया अद्भुत नजारा।
  • दो आकाशगंगाओं का हो रहा विलय।
  • लियो माइनर तारामंडल में स्थित है अर्प-107।
Arp 107: ब्रह्मांडीय दुनिया के बारे में कुछ न कुछ ऐसे रहस्य उजागर होते रहते हैं जिसके बारे में हम मनुष्य कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। हाल ही में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने दो आकाशगंगाओं के विलय प्रक्रिया की एक तस्वीर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा की। इस तस्वीर में दो आकाशगंगाएं आपस में नृत्य कर रही हैं जिसमें एक अंडाकार तो दूसरी स्पाइरल गैलेक्सी है।

अद्भुत नजारा हुआ कैप्चर

नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने दो आकाशगंगाओं के विलय का अद्भुत नजारा कैप्चर किया है। अंडाकार आकाशगंगा और स्पाइरल आकाशगंगा के समूह को Arp 107 के नाम से जाना जाता है, जो पृथ्वी से लगभग 465 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर लियो माइनर तारामंडल में स्थित है।
10 बिलियन डॉलर की लागत वाले जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने नियर इन्फ्रारेड और मिड इन्फ्रारेड इंस्ट्रूमेंट कैमरों की मदद से Arp 107 को कैप्चर किया है। इनके साथ ही तारों का एक लगभग पारदर्शी सफेद पुल भी दिखाई दिया।

विलय प्रक्रिया को पूरा होने में कितना समय लगेगा?

बकौल नासा, जेम्स वेब ने इन आकाशगंगाओं की विलय की प्रक्रिया को कैप्चर किया है। हालांकि, विलय को पूरा होने में करोड़ों साल लगेंगे। सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि छोटी अंडाकार आकाशगंगा में उसके केंद्र से दूर टकराव हुआ जिसकी वजह से स्पाइरल आकाशगंगा केवल अपनी स्पाइरल भुजाओं में छोटे-मोटे परिवर्तन के साथ बच गई।
ब्रह्मांड में आकाशगंगाओं के टकराव के दौरान गुरुत्वाकर्षण खिंचाव, गैसों का आदान-प्रदान, नए तारों का निर्माण इत्यादि चीजें घटित होती हैं।

सुपरमैसिव ब्लैक होल की मौजूदगी

इस स्पाइरल आकाशगंगा को सेफर्ट आकाशगंगा के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जो सक्रिय आकाशगंगाओं के सबसे बड़े समूहों में से एक है और जिसके केंद्र से बड़ी मात्रा में ऊर्जा निकलती है। इनमें से सबसे चमकीली आकाशगंगाओं में ऊर्जावान क्षेत्र हैं जिनमें 'क्वासर' नामक सुपरमैसिव ब्लैक होल का प्रभाव होता है।

क्यों चमक रहा स्पाइरल गैलेक्सी का केंद्र?

बकौल नासा, स्पाइरल गैलेक्सी के केंद्र में एक सुपरमैसिव ब्लैक होल है और जैसे ही ब्लैक होल आस-पास की गैस और धूल को खींचता है तो वह पदार्थ गर्म हो जाता है और बहुत अधिक ऊर्जा छोड़ता है, जिससे आकाशगंगा का केंद्र चमकता है।
वहीं, छोटी अंडाकार आकाशगंगा धुंधली, हल्की नीली गैस और धूल से बनी है। नासा की तस्वीर में कई लाल, हरे, नीले और पीले रंग की आकाशगंगाएं पूरे क्षेत्र में फैली हुई हैं, जिनमें से कुछ संरचना में धुंधली हैं और अन्य में अधिक स्पष्ट स्पाइरल पैटर्न दिखाई दे रहा है।
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अनुराग गुप्ता author

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