14 सालों तक 'आसमानी आफत' से की पृथ्वी की रक्षा, अब गहरी नींद में सो गया NASA का NEOWISE मिशन

NEOWISE Mission: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) का NEOWISE मिशन अब समाप्त हो चुका है। 31 जुलाई को NEOWISE मिशन टेलीस्कोप हाइबरनेशन मोड पर चला गया। 14 सालों तक अंतरिक्ष में रहकर NEOWISE मिशन टेलीस्कोप ने पृथ्वी के करीब आने वाली आसमानी आफतों की जानकारी एकत्रित की। जिसकी बदौलत खगोलविदों ने संभावित खतरे का आकलन किया।

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NEOWISE मिशन (फोटो साभार: NASA)

मुख्य बातें
  • NASA का NEOWISE मिशन अब समाप्त गया।
  • NEOWISE मिशन साल 2009 में हुआ था लॉन्च।
  • 44,000 से ज्यादा आसमानी वस्तुओं का लगाया पता।
NEOWISE Mission: ब्रह्मांड में दिलचस्पी रखने वाले यह जानते हैं कि अबतक कई हैरान कर देने वाले रहस्यों से खगोलविदों ने पर्दा उठाया है, लेकिन अभी भी कई थ्योरीज पर अध्ययन चल रहा है। इस बीच, 14 सालों तक अंतरिक्ष में रहकर 'आसमानी आफतों' का पता लगाने वाला अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) का NEOWISE मिशन अब गहरी नींद में चला गया।

कब लॉन्च हुआ था मिशन?

नासा ने साल 2009 में NEOWISE मिशन को लॉन्च किया था और 31 जुलाई को यह मिशन समाप्त हो गया। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि अब पृथ्वी को आसमानी आफत से कौन बचाएगा? दरअसल, आसमानी आफत शब्दों का इस्तेमाल पृथ्वी के करीब आने वाली चट्टानों इत्यादि से है।
NEOWISE मिशन का पूरा नाम नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट वाइड-फील्ड इन्फ्रारेड सर्वे एक्सप्लोरर है। भले ही NEOWISE मिशन अब हाइबरनेशन मोड पर चला गया हो, लेकिन अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने एक अन्य योजना तैयार की है, जिसे NEOWISE मिशन का विकल्प माना जा रहा है।

नया मिशन कब होगा लॉन्च?

नासा ने NEO सर्वेयर यानी नियर अर्थ ऑब्जेक्ट सर्वेयर को लॉन्च करने की योजना बनाई है। बकौल नासा, 2027 के अंत में NEO सर्वेयर को लॉन्च किया जाएगा।

कहां तैनात था NEOWISE मिशन?

NEOWISE मिशन 14 सालों तक पृथ्वी की निचली कक्षा में तैनात था। जिसके जरिए सोलर सिस्टम के 44,000 से ज्यादा ऑब्जेक्ट्स का पता लगाया गया। इस मिशन के जरिए भी पृथ्वी के करीब आने वाले एस्टेरॉयड, मीटरॉयड इत्यादि के बारे में जानकारी जुटाई जाएगी और उससे उत्पन्न होने वाले संभावित खतरे का आकलन किया जाएगा।

जलकर खत्म हो जाएगा टेलीस्कोप

भले ही NEOWISE मिशन टेलीस्कोप को कम समय तक इस्तेमाल करने के लिए लॉन्च किया गया था, लेकिन इसकी सटीक जानकारी की वजह से खगोलविदों ने 14 सालों तक आसमानी आफतों के बारे में जानकारी जुटाई और अब यह हाइबरनेशन मोड पर चला गया। अब यह धीरे-धीरे पृथ्वी की ओर आने लगेगा। माना जा रहा है कि साल 2025 तक पृथ्वी के वायुमंडल में दाखिल हो जाएगा और जलकर नष्ट हो जाएगा।
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अनुराग गुप्ता author

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