क्यों सफेद दिख रहा मेरगुई द्वीपसमूह का पानी? सैटेलाइट इमेज में छिपा है रहस्य
Mergui Archipelago: म्यांमार के सुदूर दक्षिण में स्थित मेरगुई द्वीपसमूह में वनस्पतियों का खजाना मौजूद है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने इसी खजाने की सैटेलाइट से ली गई तस्वीर को साझा किया है। इस तस्वीर में पानी का रंग नीले के साथ ही सफेद दिखाई दे रहा है, लेकिन ऐसा क्यों है?

मेरगुई द्वीपसमूह (फोटो साभार: NASA)
- मेरगुई द्वीपसमूह में वनस्पतियों का खजाना मौजूद है।
- तस्वीर में हरा जंगल और सफेद के साथ नीला पानी दिखाई दे रहा।
- मेरगुई द्वीपसमूह को बर्मा का स्वर्ग भी कहा जाता है।
Mergui Archipelago: म्यांमार के सुदूर दक्षिण में स्थित मेरगुई द्वीपसमूह में वनस्पतियों का खजाना मौजूद है और इसे बर्मा का स्वर्ग भी कहा जाता है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने अर्थ ऑब्जर्विंग सैटेलाइट लैंडसैट 5 (Landsat 5) से कैप्चर की गई मेरगुई द्वीपसमूह के मध्य भाग की तस्वीर साझा की। इस नजारे को लैंडसैट 5 से 14 दिसंबर, 2004 को कैप्चर किया था।
नासा ने मेरगुई द्वीपसमूह की तस्वीर 'Thinking about settling down? You're just like sediment' कैप्शन के साथ साझा की। अंडमान सागर में मेरगुई द्वीपसमूह 800 से अधिक द्वीपों से बना हुआ है। यह द्वीपसमूह कोरल रीफ से घिरा हुआ है।
यह भी पढ़ें: मध्यम आकार के दुर्लभ ब्लैक होल के मिले साक्ष्य; खगोलविद भी हैरान
क्या है कोरल रीफ?
कोरल रीफ का प्रवाल भित्तियां या मूंगे की चट्टान भी कहा जाता है, जो समुद्र के भीतर मौजूद होती हैं। दरअसल, कोरल रीफ समुद्र के भीतर स्थित प्रवाल जीवों द्वारा छोड़े गए कैल्शियम कार्बोनेट से बनी होती हैं।
बकौल नासा, सेडिमेंट जिसे तलछट कहा जाता है, वह नदियों में सफेद दिखाई देती है। जैसे-जैसे तलछट धीरे-धीरे समुद्री तल पर बैठती है तो वह एक घुमावदार पैटर्न बनाती है, लेकिन जैसे-जैसे आप समुद्री छोर से आप दूर निकलते हैं पानी का रंग नीला दिखाई देता है, लेकिन करीब से देखने पर पानी का रंग सफेद दिखाई देता है। इसके पीछे तलछट की सीधी भूमिका होती है।
तस्वीर में जमीनी सतह के साथ ही पानी भी दिखाई दे रहा है। छवि का बाकी हिस्सा पानी से भरा हुआ है। ज़्यादातर पानी में सफ़ेद तलछट घूम रही है।
यह भी पढ़ें: पृथ्वी से कितनी दूरी पर स्थित है Gaia-BH1 ब्लैक होल? सूरज भी इसके सामने लगता है बौना
अर्थ ऑब्जर्विंग सैटेलाइट
लैंडसैट 5 सैटेलाइट को एक मार्च, 1984 को लॉन्च किया गया था और 5 जून, 2013 को इसे बंद कर दिया गया। सैटेलाइट ने 28 साल और 10 महीने के दौरान ग्रह की 1.5 लाख से ज्यादा बार परिक्रमा की और दुनियाभर में जमीन की सतहों की 25 लाख से ज्यादा तस्वीरें कैप्चर कीं। आधिकारिक तौर पर सबसे लंबे समय तक चलने वाले अर्थ ऑब्जर्विंग सैटेलाइट का नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल है।
नासा लैंडसेट कार्यक्रम के जरिए पृथ्वी की जमीन की तस्वीरों को कैप्चर करता है जिसकी मदद से जल, जंगल और जमीन के साथ ही कोरल रीफ इत्यादि का अध्ययन किया जाता है। लैंडसेट सीरीज का हालिया सैटेलाइट 'लैंडसेट 9' 27 सितंबर, 2021 को लॉन्च हुआ था।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | नॉलेज (knowledge News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। खबरों की पड़ताल करना इनकी आदतों में शुमार हैं और यह टाइम्स नाउ नवभारत की वेबसाइट क...और देखें

डिफेंस अताशे क्या होते हैं? जिन्हें एक हफ्ते में छोड़ना होगा भारत, मोदी सरकार की PAK पर सबसे बड़ी स्ट्राइक

PM मोदी आज CCS की बैठक में होंगे शामिल, क्यों होती है ये मीटिंग और कौन होता है शामिल

SpaDeX Mission: इसरो ने फिर स्पेस में कर दिखाया बड़ा कारनामा, दूसरी बार भी सैटेलाइट्स की डॉकिंग रही सफल

'आसमान में दिखेगा 'स्माइली चेहरा'... कब और कैसे करें दीदार? जानें क्या होता है 'Triple Conjunction'

9 माह तक जिधर फंसी रहीं सुनीता विलियम्स वहां जा रहे भारत के शुभांशु शुक्ला; नया इतिहास रचने को भारत तैयार
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited