सुदूर अंतरिक्ष में दिखा अनोखा सूरजमुखी, NASA ने कहा- गैस और धूल से भरी है अद्भुत संरचना!

Spiral Sunflower Galaxy: सुदूर अंतरिक्ष में सर्पिल सूरजमुखी आकाशगंगा का अद्भुत नजारा देखने को मिला है। जिसे नासा ने नासा हबल स्पेस टेलीस्कोप और यूरोपीय स्पेस एजेंसी की बदौलत कैप्चर किया है। इस तस्वीर के केंद्र में थोड़ा दाई ओर आकाशगंगा का कोर पीले रंग की रोशनी से चमक रहा है।

Messier 63

सर्पिल सूरजमुखी आकाशगंगा (फोटो साभार: NASA)

मुख्य बातें
  • सर्पिल सूरजमुखी आकाशगंगा को मेसियर 63 के नाम से जाना जाता है।
  • इस सर्पिल आकाशगंगा के चारों ओर धूल और गैस का गुब्बार मौजूद है।
  • आकाशगंगा के चारों ओर नीले और सफेद रंग के नए तारे अद्भुत लग रहे हैं।

Spiral Sunflower Galaxy: सुदूर अंतरिक्ष में कुछ-न-कुछ ऐसी वस्तुएं दिख ही जाती हैं जिनकी तुलना फल-फूल इत्यादि से होने लगती है और ऐसी सिर्फ इसलिए होता है, क्योंकि अंतरिक्ष में मौजूद वस्तुओं की संरचना कुछ-कुछ वैसी ही प्रतीत होती है जैसे मानो रोजमर्रा के जीवन में आपका जिनसे वास्ता पड़ता है।

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने सुदूर अंतरिक्ष में चमकते हुए सूर्यमुखी की तस्वीर शेयर की है, लेकिन आप अब यह मत सोचियेगा कि सूर्यमुखी का फूल अंतरिक्ष में कहां से पहुंचा। दरअसल, यह सूरजमुखी फूल नहीं, बल्कि एक सर्पिल सूरजमुखी आकाशगंगा है।

यह भी पढ़ें: ब्रह्मांड के एक विशालकाय शैतान का मिल गया घर! जिसके चारों ओर घूम रहे तारे

सर्पिल सूरजमुखी आकाशगंगा

नासा हबल स्पेस टेलीस्कोप और यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ESA) की मदद से कैप्चर किया गया सुदूर अंतरिक्ष का यह दुर्लभ नजारा अंतरिक्ष प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर रहा है। बकौल नासा, लाखों प्रकाश वर्ष दूर उत्तरी नक्षत्र कैनेस वेनाटिसी में सर्पिल सूरजमुखी आकाशगंगा स्थित है, जिसे मेसियर 63 के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा प्रतीत हो रहा है मानो सर्पिल सूरजमुखी आकाशगंगा ने अपनी भुजाओं को फैला रखा है।

सूरजमुखी आकाशगंगा एक फ्लोकुलेंट सर्पिल आकाशगंगा है। आसान भाषा में कहें तो इस आकाशगंगा की सर्पिल भुजाएं स्पष्ट तौर पर दिखाई नहीं दे रही है। ऐसे में यह लग रहा है कि इसके पीले रंग के चमकदार केंद्र के चारों और कई घुमावदार तारे हैं। हाल ही में बने नीले-सफेद विशाल तारों की बदौलत यह बेहद चमकीला लग रहा है।

क्या जरूरी है तारा निर्माण प्रक्रिया?

जी, हां। ब्रह्मांड को आकार देने की प्रक्रियाओं में तारा निर्माण सबसे अहम माना जाता है। यह नए तारों के गठन के अलावा ग्रह प्रणालियों को भी जन्म देता है और आकाशगंगाओं के विकास में अहम भूमिका अदा करता है। हालांकि, खगोलविदों को भी यह पूरी तरह से पता नहीं है कि फ्लोकुलेंट सर्पिल आकाशगंगाओं में तारे कैसे बनते हैं। ऐसे में नासा हबल की इस तरह की तस्वीरें खगोलविदों को अध्ययन करने में सहायक सिद्ध होती हैं।

यह भी पढ़ें: पृथ्वी से कितनी दूरी पर स्थित है Gaia-BH1 ब्लैक होल? सूरज भी इसके सामने लगता है बौना

धूल और गैस से बनी संरचना

नासा द्वारा साझा की गई तस्वीर के केंद्र से थोड़ा दाई ओर आकाशगंगा का कोर पीले रंग में चमक रहा है, जबकि आकाशगंगा की भुजाएं कोर के बाहर की ओर सर्पिल होती हैं। जिसकी वजह से नीले रंग की गैस और धूल का अद्भुत नजारा दिखाई दे रहा है। सर्पिल आकाशगंगा की भुजाओं को देख मानो ऐसा प्रतीत हो रहा कि इसमें चमकदार नीले रंग की वस्तुएं जड़ी हुई हैं।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | नॉलेज (knowledge News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

लेटेस्ट न्यूज

अनुराग गुप्ता author

टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। खबरों की पड़ताल करना इनकी आदतों में शुमार हैं और यह टाइम्स नाउ नवभारत की वेबसाइट क...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited