पृथ्वी का एयर कंडीशनर है यह क्षेत्र! फॉक्स बेसिन में दिख रहा ब्रह्मांडीय बादलों वाला नजारा

Baffin Island: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने हाल ही में आर्कटिक महासागर की समुद्री बर्फ को लेकर हो रहे अध्ययनों से जुड़ी एक तस्वीर साझा की। इस तस्वीर को देखकर ब्रह्मांडीय बादलों का नजारा याद आ रहा है। दरअसल, बफिन द्वीप के पास फॉक्स बेसिन के ठंडे पानी के साथ ग्रीस बर्फ के टुकड़े भंवरों के बीच बह रहे हैं।

Foxe Basin

फॉक्स बेसिन (फोटो साभार: NASA)

मुख्य बातें
  • NASA ने साझा की अनोखी तस्वीर।
  • USGS सैटेलाइट लैंडसैट-7 ने कैप्चर किया था नजारा।
  • समुद्री बर्फ का अध्ययन कर रहे वैज्ञानिक।
Baffin Island: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने कनाडाई आर्कटिक में मौजूद बफिन द्वीप का एक आश्चर्यचकित नजारा दुनिया के सामने रखा। दरअसल, बफिन द्वीप के पास फॉक्स बेसिन के गला देने वाले ठंडे पानी में समुद्री बर्फ के टुकड़े बहते हुए ऐसे लग रहे हैं मानो जैसे अलौकिक ब्रह्मांड में दिखने वाले गैस और धूल के बादल हो। फॉक्स बेसिन के इस नजारे को आसमान से कैप्चर किया गया है, जिसे देखकर अंतरिक्षप्रेमियों की आंखें खुली की खुली रह जाएंगी।

क्या है ग्रीस बर्फ? (What is Grease Ice)

नासा की तस्वीर में समुद्री बर्फ के टुकड़े ग्रीस बर्फ (Grease Ice) के भंवरों के बीच बह रहे हैं। अब आप लोग सोच रहे होंगे कि आखिर ये ग्रीस बर्फ क्या है? दरअसल, ग्रीस बर्फ कुछ और नहीं बल्कि बर्फ की एक बेहद पतली परत है, जो समुद्री जल के ऊपर तैरती हुई प्रतीत होती है। ग्रीस बर्फ के रूप में ही समुद्री बर्फ की शुरू होती है और यह समुद्र को चिकना बनाती है। जैसे-जैसे तापमान कम होने लगता है यह बर्फ की परत मोटी होती जाती है और ज्यादा ठंडे मौसम में यह बर्फ की सिल्ली में बदल जाती है।

मौसम पर पड़ता है असर

पृथ्वी के उत्तरी हिस्से में बदलते मौसम, महासागर और वायुमंडील स्थितियों का पूरे ग्रह पर व्यापक असर पड़ता है, क्योंकि आर्कटिक क्षेत्र पृथ्वी के लिए एयर कंडीशनर की तरह काम करता है। सूर्य की ज्यादातर ऊर्जा हमारे ग्रह के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों से हवाओं और मौसम प्रणालियों की मदद से आर्कटिक तक पहुंचती है और यह प्रक्रिया ग्रह को ठंडा रखने में मदद करती है।

किसने कैप्चर किया अनोखा नजारा?

बफिन द्वीप के पास मौजूद इस अनोखे नजारे को नासा के USGS सैटेलाइट लैंडसैट-7 ने 4 अगस्त, 2002 को कैप्चर किया था। लैंडसैट-7 ने जनवरी 2024 में विज्ञान के अनोखे नजारों को कैप्चर करना बंद कर दिया था, लेकिन वैज्ञानिकों ने अन्य माध्यमों की मदद से समुद्री बर्फ को लेकर अपने अध्ययनों को जारी रखा है। हाल ही में तीन विमानों ने ग्रीनलैंड के उत्तर में आर्कटिक महासागर के ऊपर उड़ान भरी और कुछ डेटा एकत्रित किया।
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अनुराग गुप्ता author

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