शाम होते ही तपने लगता है WASP-39 b एक्सोप्लैनेट; बेहद अजीब है ग्रह का वायुमंडल, जानें विज्ञानियों को क्या हासिल हुआ?
WASP-39 b Planet: खगोलविदों को सौरमंडल के बाहर के एक ग्रह में अजीबगरीब वायुमंडल का पता चला है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप की मदद से खगोलविदों ने WASP-39 b नामक एक्सोप्लैनेट के वायुमंडल के बारे में कई रोचक जानकारियां उजागर की हैं, जिससे पता चलता है कि सुबह और शाम के तापमान में अपेक्षाकृत बहुत ज्यादा अंतर है।
एक्सोप्लैनेट (सांकेतिक तस्वीर)
- एक्सोप्लैनेट को बाह्यग्रह कहा जाता है।
- यह सौरमंडल के बाहर के ग्रह हैं।
- अबतक लगभग 5000 बाह्यग्रहों की खोज हुई है।
WASP-39 b Planet: ब्रह्मांड में अनंत दुनिया हो सकती हैं, विज्ञानी लगातार सुदूर अंतरिक्ष में मौजूद ग्रहों का अवलोकन कर जीवन की संभावनाओं को खंगालते रहते हैं। इस बीच, उन्हें कुछ ऐसी जानकारी प्राप्त होती है, जो सभी को अचरज में डाल देती है। विज्ञानियों ने अबतक लगभग 5,000 एक्सोप्लैनेट यानी बाह्यग्रहों की खोज की है। इन्ही एक्सोप्लैनेट में एक ग्रह और शामिल है, जो हमारे सौरमंडल में स्थित जूपिटर के लगभग बराबर है।
इस अनोखे एक्सोप्लैनेट के वायुमंडल ने सभी को हैरान किया है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोर की मदद से खगोलविदों ने WASP-39 b नामक ग्रह के वायुमंडल के बारे में नई जानकारियां उजागर की हैं। इस ग्रह के एक हिस्से में सुबह तो दूसरे हिस्से में अधेरा यानी रात होती है।
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कहां स्थित है WASP-39 b ग्रह
WASP-39 b एक एक्सोप्लैनेट है। इसका मतलब है कि यह हमारे सौरमंडल के बाहर का ग्रह है। पृथ्वी से WASP-39 b की दूरी 700 प्रकाश वर्ष है। WASP-39 b एक गर्म गैस वाला ग्रह है और यह 4.1 दिनों की अवधि के साथ G7 प्रकार के तारे WASP-39 की परिक्रमा करता है। पहली बार साल 2011 में इस एक्सोप्लैनेट का खोजा गया था।
काफी अलग है WASP-39 b का तापमान
WASP-39 b ग्रह में सुबह और शाम का तापमान बेहद अलग है। आपको लग रहा होगा कि सुबह तो मौसम धीरे-धीरे गर्म ही हो जाता है और शाम में मौसम ठंडा हो जाता होगा, लेकिन ऐसा नहीं है। जेम्स वेब के डेटा से पता चला है कि शाम का तापमान 1450 डिग्री फारेनहाइट यानी 800 डिग्री सेल्सियस था, जबकि सुबह का तापमान अपेक्षाकृत ठंडा था। अगर तापमान की बात की जाए तो सुबह 600 डिग्री सेल्सियस था।
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ग्रह में अजीब वायुमंडल होने की वजह से खगोलविदों को आशंका है कि WASP-39 b में हवा के दबाव में भी काफी अंतर हो सकता है। जिसकी वजह से तीव्र हवा चलती होगी। ऐसा माना जा रहा है कि हवा की गति हजारों मील प्रति घंटे तक हो सकती है।
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