कईयों ने परिवार खोया तो किसी का घर हुआ जमींदोज; नेपाल के लिए बुरे सपने से कम नहीं था यह जलजला

Nepal Earthquake: नेपाल में साल 1988 में आए भूकंप ने किसी के परिवार को छीन लिया तो कई लोगों के घर जमींदोज हो गए। 36 साल पहले 6.8 तीव्रता के भूकंप ने 700 से ज्यादा लोगों को लील लिया था, जबकि एक हजार से ज्यादा घायल हुए थे। भूकंप के झटके भारत और बांग्लादेश में भी महसूस किए गए।

Nepal Earthquake

नेपाल भूकंप

मुख्य बातें
  • नेपाल में 6.8 तीव्रता का आया था भूकंप।
  • भूकंप के चलते 700 से ज्यादा लोगों की हुई थी मौत।
  • भारत और बांग्लादेश में भी महसूस हुए थे झटके।
Nepal Earthquake: 20 अगस्त, 1988 का दिन नेपाल के लिए एक बुरे सपने से कम नहीं था। इस दिन आए जलजले ने तबाही मचा दी थी। सड़क के चारों ओर दिल दहलाने देने वाला मंजर था किसी ने अपनी परिवार को खो दिया था तो कई लोगों के घर जमींदोज हो गए थे। लोगों ने इस भूकंप में अपना बहुत कुछ गंवाया।

जिंदगियां लीलने वाली प्राकृतिक आपदा

36 साल पहले 6.8 तीव्रता के भूकंप ने हिमालय की गोद में बसे इस खूबसूरत देश को बुरी तरह से हिलाकर रख दिया था। प्राकृतिक आपदा ने 700 से ज्यादा लोगों को लील लिया था, जबकि एक हजार से ज्यादा घायल हुए थे। ये घटना आज भी लोगों के जेहन को झिंझोड़ देती है।

भारत और बांग्लादेश में भी महसूस हुए थे झटके

भूकंप के झटकों से न सिर्फ नेपाल प्रभावित हुआ, बल्कि भारतीय सीमा से सटे उत्तरी बिहार का अधिकांश भाग भी दहल उठा था। भूकंप इतना जोरदार था कि बिहार की राजधानी पटना में राजभवन और पुराने सचिवालय समेत 50 हजार इमारतों में दरारें पड़ गई थी। देश की राजधानी दिल्ली से लेकर पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश तक भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।

पल भर में उजड़ गए परिवार

माना जाता है कि साल 1934 के बाद ये नेपाल में आया सबसे शक्तिशाली भूकंप था। इस भूकंप के प्रत्यक्षदर्शी आज भी उस मंजर को याद कर कांप उठते हैं। बताते हैं कि कैसे धरती 10 सेकंड और 15 सेकंड के अंतराल पर दो बार कांपी, कैसे पल भर में ही हंसता खेलता परिवार उजड़ गया और कैसे कई घर मलबे में तब्दील हो गए।
वैसे नेपाल में लगभग हर दशक में ऐसी अनहोनी होती आई है। देश ने कुछ सालों के अंतराल में भीषण भूकंप के झटकों का दंश झेला है। जिसमें हजारों ने जान गंवाई।

बना रहता है भूकंप का डर

नेपाल की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि भूकंप का डर बना ही रहता है। इंडो-ऑस्ट्रेलियन और यूरेशियन प्लेट के बीच में नेपाल की लोकेशन है। जब ये दोनों प्लेट टकराती हैं तो नेपाल में भूकंप के झटके आते हैं, इन्हें रोकना नामुमकिन सा है। वैसे तो जापान में नेपाल से ज्यादा भूकंप आते हैं, लेकिन नेपाल का इन्फ्रास्ट्रक्चर और भूकंप से निपटने के लिए तैयारी तुलनात्मक रूप से काफी कम है, ऐसे में नेपाल में नुकसान भी ज्यादा होता है।

धरोहरों को हुआ था नुकसान

2015 में भी 7.9 की तीव्रता का विनाशकारी भूकंप आया था। इसमें भी सैकड़ों जिंदगियां उजड़ गई थीं। तब धरहरा टॉवर और दरबार स्क्वायर जैसी कई धरोहरों को काफी नुकसान भी पहुंचा था। विशेषज्ञों के मुताबिक, इसका खतरा पहले भी था और अब भी बना हुआ है।
(इनपुट: आईएएनएस)
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | नॉलेज (knowledge News) और बजट 2024 (Union Budget 2024) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

लेटेस्ट न्यूज

अनुराग गुप्ता author

टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। खबरों की पड़ताल करना इनकी आदतों में शुमार हैं और यह टाइम्स नाउ नवभारत की वेबसाइट क...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited