आकाशगंगा में आम है नए ग्रहों का बनना, 30 साल पुरानी NASA की तस्वीर से समझिए पूरी कहानी
Planet Making Process: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ब्रह्मांड में हो रही हलचल पर कई अन्य एजेंसियों के साथ नजर रखता है और उससे जुड़ी हुई तस्वीरें और वीडियोज कैप्चर करता है। हाल ही में जारी की गई 30 साल पुराने घटनाक्रम ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है, जिसमें एक ग्रह के निर्माण की प्रक्रिया को विस्तार से समझाया गया है।

ग्रह निर्माण की प्रक्रिया (फोटो साभार: NASA)
Planet Making Process: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ब्रह्मांड में हो रही हलचल पर कई अन्य एजेंसियों के साथ नजर रखता है और उससे जुड़ी हुई तस्वीरें और वीडियोज कैप्चर करता रहता है, जो अंतरिक्ष प्रेमियों को काफी अद्भुत लगती हैं। हाल ही में नासा ने 30 साल पहले की एक खोज के बारे में खुलासा किया, जिसकी मदद से यह पता लग सका कि ग्रहों का निर्माण हमारी आकाशगंगा में एक आम बात है।
ग्रह निर्माण की प्रक्रिया
नासा हबल ने 'ग्रह प्रगति पर है!' नाम से एक तस्वीर अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर की। इस तस्वीर में एक नए ग्रह के निर्माण की प्रक्रिया को दर्शाया गया है। हल्के भूरे, नीले और गुलाबी रंग के बादल चारों ओर फैले हुए हैं। ग्रहों का निर्माण हमारे आकाशगंगा की एक आम बात है और यह प्रक्रिया चलती रहती है।
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नासा हबल ने #ThrowbackThursday के साथ बताया कि नासा ने 30 साल पहले OTD का ऐलान किया था कि हबल ने अबतक का सबसे पुख्ता सबूत खोजा है कि ग्रह के निर्माण की प्रक्रिया हमारी आकाशगंगा में आम बात है।
पृथ्वी का कब हुआ था निर्माण?
हबल के अवलोकनों से पता चलता है कि ओरियन नेबुला में कम से कम आधे तारों के चारों ओर धूल की विशाल डिस्क घूम रही हैं और यह पृथ्वी से लगभग 1,500 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित एक तारा निर्माण क्षेत्र है। ये प्रोटोप्लेनेटरी डिस्क या प्रोप्लाइड्स नए तारों को घेरते हैं। ऐसा माना जाता है कि हमारा ग्रह पृथ्वी हमारे सौर मंडल के बाकी ग्रहों के साथ लगभग 4.5 बिलियन साल पहले इसी तरह बना था।
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खगोलविदों का मानना है कि इस तरह की ग्रह प्रणालियां ब्रह्मांड में आम हैं, क्योंकि जीवन के लिए ग्रह बेहद जरूरी हैं। ऐसे में पृथ्वी से परे जीवन के अस्तित्व की संभावना भी बढ़ जाती है। नासा हबल की इस छवि का क्रेडिट सीआर ओडेल/राइस यूनिवर्सिटी और नासा को जाता है।
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