क्या है हाई-टेक वाटर लेवल मॉनिटरिंग सिस्टम? ट्रेनों के लिए कितना उपयोगी हो सकता है साबित

Hi Tech Water Level Monitoring System: भारतीय रेलवे भी समय के साथ धीरे-धीरे आधुनिक हो रही है। हाल ही में रेलवे ने हाई-टेक वाटर लेवल मॉनिटरिंग सिस्टम को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इंस्टॉल किया है। अगर यह प्रोजेक्ट कारगर साबित होता है तो आने वाले समय में इस तकनीक का बड़े स्तर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।

इंडियन रेलवे

मुख्य बातें
  • रेलवे ने पायलट प्रोजेक्ट किया लॉन्च।
  • ब्रह्मपुत्र मेल एक्सप्रेस में किया गया इंस्टॉल।
  • पानी की उपलब्धता का रियल टाइम डेटा होगा प्राप्त।
Hi Tech Water Level Monitoring System: हाई-टेक वाटर लेवल मॉनिटरिंग सिस्टम एक तरह की आधुनिक तकनीक है जिसके जरिए पानी की उपलब्धता के बारे में सटीक जानकारी एकत्रित की जाती है। हाल ही में भारतीय रेलवे ने इस तकनीक का इस्तेमाल किया है। अगर यह तकनीक कारगर सिद्ध होती है तो रेलवे इसका इस्तेमाल बड़े स्तर पर करेगा।

रेलवे का पायलट प्रोजेक्ट

रेलवे ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर हाई-टेक वाटर लेवल मॉनिटरिंग सिस्टम को ब्रह्मपुत्र मेल एक्सप्रेस में इंस्टॉल किया है। इस सिस्टम के जरिए रेलवे लंबी दूरी की ट्रेनों में यात्रियों के लिए पानी की उपलब्धता को सुनिश्चित करना चाहता है। अभी महज इसे कामाख्या रेलवे स्टेशन पर ब्रह्मपुत्र मेल एक्सप्रेस के एक रेक में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर ही इंस्टॉल किया गया है। इसके तहत रियल टाइम वाटर मॉनिटरिंग सिस्टम 'वाटर लेवल इंडिकेटर' को लगाया गया है।

किस तकनीक का हुआ इस्तेमाल?

हाई-टेक वाटर लेवल मॉनिटरिंग सिस्टम में एलओआरए और जीपीआरएस आधारित तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। रिमोट लोकेशन में यह कारगर साबित हो सकता है। दमदार रेंज के साथ कम पावर में ही यह रियल टाइम डेटा को ट्रांसमिट करने की क्षमता रखता है। इसका सेंसर पानी के स्तर को 0.5 फीसद की सटीकता के साथ एक से पांच मीटर के बीच नापता है। हालांकि, इस तकनीक का इस्तेमाल विभिन्न प्रकार के जल निकायों में हो सकता है, क्योंकि इसके जरिए वास्तविक समय में जल की उपलब्धता के बारे में जानकारी एकत्रित की जाती है।
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